सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाए हैं। सुनवाई के बाद सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। पीड़ित परिवारों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जमानत देने के फैसले को रद्द करने की मांग की है। सर्वोच्च अदालत में इस मामले पर आज सुनवाई हुई।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की विशेष पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। विशेष जांच दल की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील करने की सिफारिश की थी और यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी थी।
बता दें सर्वोच्च अदालत ने इस चिट्ठी पर यूपी सरकार से जवाब मांगते हुए पूछा था कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील को लेकर यूपी का क्या रुख है ? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राकेश कुमार जैन की चिट्ठी को राज्य सरकार और याचिकाकर्ता को देने को कहा था।
याचिकाकर्ता पीड़ित परिवारों के वकील ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जमानत देने के फैसले को रद्द किया जाए। हाईकोर्ट प्रासंगिक तथ्यों पर विचार करने में विफल रहा है।
यूपी के लिए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि हमने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी है कि क्या एसएलपी दाखिल करनी है? प्रधान न्यायाधीश रमना ने यूपी सरकार को कहा कि हम आपको मजबूर नहीं कर सकते। चिट्ठी लिखे जाने पर आपने कोई जवाब नहीं दिया। यह कोई ऐसा मामला नहीं है जहां आपको महीने या सालों का इंतजार करना पड़े।