उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खेरी में रविवार को हुई हिंसा, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार सहित 8 लोगों की मौत हो गयी थी, का सर्वोच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इसपर गुरुवार को सुनावी करने का फैसला किया है। प्रधान न्ययाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और हीमा कोहली की पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी। बता दें यूपी पुलिस ने इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, हालांकि उसकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दो अधिवक्ताओं ने चिट्ठी लिखकर सीजेआई एनवी रमना से अनुरोध किया है कि इसे जनहित याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई की जाए ताकि घटना के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जा सके। अनुरोध में गृह मंत्रालय और पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने और घटना में कथित रूप से शामिल लोगों को दंडित करने की मांग है।
बता दें आरोप है कि मंत्री के बेटे ने शान्ति से चल रहे चार किसानों को पीछे से अपनी थार गाड़ी से कुचलकर मार डाला। मंत्री और बेटा दावा करते रहे हैं कि आशीष घटनास्थल पर नहीं था। इस घटना के बाद हुई हिंसा में एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों की भी मौत हुई।
अब लखीमपुर घटना पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है और इस मामले की सुनवाई कल सीजेआई की अदालत में होगी। लखीमपुर हिंसा की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई को लेकर लगातार मांग उठ रही है। लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी।
कांग्रेस नेता और जाने माने वकील कपिल सिब्बल ने भी आज लखीमपुर हिंसा मामले का हवाला देते हुए कहा था कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाना चाहिए।