सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार पेगासस मामले की जांच कर रही न्यायमूर्ति रवींद्रन समिति का कार्यकाल चार हफ्ते बढ़ा दिया है। अदालत ने कहा कि उसे तकनीकी कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट मिली है जिसने बताया है कि 29 मोबाइल फोन की जांच की गयी है। साथ ही पत्रकारों और कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की है। निगरानी जज ने रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए 20 जून तक का समय मांगा है, हम जुलाई में मामले की सुनवाई करेंगे।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली पर आधारित बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि तकनीकी कमेटी ने फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुछ समय मांगा था। सुनवाई के बाद पीठ ने रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई वाली कमेटी को चार हफ्ते में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
उन्होंने कहा कि कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट मिली है। तकनीकी कमेटी ने बताया है कि 29 मोबाइल फोनों की जांच की है। साथ ही पत्रकारों और कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि अभी कुछ एजेंसियों से जवाब आना बाकी है। ये रिपोर्ट मई के अंत तक फाइनल हो जाएगी। कमेटी ने कुछ मुद्दों पर जनता की राय भी मांगी थी। लोगों ने बड़ी तादाद में अपनी राय भेजी है, लेकिन कुछ विशेषज्ञ एजेंसियों की राय का इंतजार है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। हालांकि, इसका केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध किया और कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।