सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कहा है कि वे एक घंटे में उपराज्यपाल की ओर से सुझाए गए नामों पर फैसला ले। और पैनल की ओर से सरकार को जो भी नाम बताए जाएंगे उन्हें गुप्त रखा जाएगा। साथ ही कोर्ट ने उपराज्यपाल को एक पैनल बनाने को कहा है।
बता दें, दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति को लेकर विवाद लगातार जारी है और थमने के नाम नहीं ले रहा है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी परदीवाला की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि, “पैनल की ओर से जो भी नाम सामने आएंगे उस पर एक घंटे में फैसला लेना होगा।”
वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि चीफ सेक्रेटरी दिल्ली सरकार के लिए काम करता है, ऐसे में उसकी नियुक्ति में राज्य सरकार और केंद्र के बीच सामंजस्य जरूरी है।
आपको बता दें, 30 नवंबर को दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार रिटायर होने जा रहे हैं और उनके रिटायर होने से पहले अगला चीफ सेक्रेटरी तय किया जाना है। इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीम कोर्ट पहुंची है कि नए चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के साथ सहमति करे।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पहले भी चीफ सेक्रेटरी के नामों को लेकर खूब चर्चा की गर्इ है ऐसे में एक बार फिर आप सरकार को अधिकारियों के नाम सार्वजनिक पर नए आरोप लगाने का मौका मिलेगा।
सीजेआई ने इसका हल निकालने के लिए कहा कि केंद्र सरकार और एलजी कुछ अधिकारियों के नाम राज्य सरकार को बताएं। और इन नामों में से राज्य सरकार को अपनी पसंद के अधिकारी को चुनने का मौका मिलेगा। साथ ही सुझाए गए सभी नाम सोशल मीडिया पर सामने नहीं आने चाहिए।