सर्वोच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटों अखिलेश और प्रतीक यादव के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में सोमवार को सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इस तरह का आदेश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने यह निर्देश दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सीबीआई को इस मामले में जांच की स्थिति बताने के संबंध में दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। अदालत में यह याचिका वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने दायर की है जिसकी मांग है कि सीबीआई को मुलायम, अखिलेश और प्रतीक यादव की संपत्तियों की जांच की रिपोर्ट अदालत में रखने का निर्देश दिया जाए।
इस याचिका में चतुर्वेदी ने कहा है कि जांच पूरी हो गई थी और पहली नजर में पाया गया था कि यादव परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है। इस जांच को छह साल बीतने के बाद भी सीबीआई ने रिपोर्ट किसी अदालत में पेश नहीं की। साल २०१३ में किए गए एक आकलन में ये संपत्ति आय से २४ करोड़ रुपये अधिक पाई गई थी।
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने मार्च २००७ में चतुर्वेदी की जनहित याचिका पर सीबीआई को मुलायम, अखिलेश और पत्नी डिंपल और भाई प्रतीक यादव की संपत्तियों की जांच करने का आदेश दिया था। हालांकि २०१२ में सर्वोच्च अदालत ने डिंपल को इस मामले से यह कह कर बाहर कर दिया था कि वह किसी सार्वजनिक पद पर नहीं थीं। अब सर्वोच्च अदालत के निर्देश से यादव परिवार के लिए चुनाव के पास दिक्कत पैदा हुई है।