दिल्ली में ऐसा क्या हो गया है कि अब दिल्ली की गलियां तक सीएए और एनआरसी कानून को लेकर समर्थकों और विरोधियों जमावड़ा हर जगह एक बवाल का रूप धारण करता जा रहा है। जिस तरीके से एक मौजपुर और जाफराबाद में दो समुदाय के बीच, जिस अंदाज में सीएए के समर्थक और विरोधी आमने सामने दिखें वो कोई एक दिन की रूप रेखा नहीं है। बल्कि सुनियोजित तरीके से मामलें को अंजाम दिया जा रहा है। उससे तो साफ हैं कि ये आग अब आसानी से बुझने वाली नहीं है। सबसे चैकाने वाली. बात ये देखने को मिल रही है जो अमूमन ऐसा देखने और सुनने को नहीं मिलता था। पर जैसे दोनों समुदायों के लोगों के बीच देखने और सुनने को मिला है। दोनों तरफ से अपने अपने धर्म के समर्थन में नारे बाजी और युद्व से नारों को लगाया गया । सबसे दुखद तो ये देखने को मिला है कि कई जगह तो लाठी डंडों के साथ साथ हथियार देखने को मिले है। पुलिस भी कई जगह उग्र, कई जगह जनता को शांत करने में लगी रही है। ऐसे में मौजपुर और जाफराबाद के स्थानीय लोगों के बीच भय का माहौलरहा है। भले ही 144 धारा लगा दी गई है।पर माहौल एक दम हिंसक है। बताया जा रहा है कि दिल्ली मेें जिस तरीके से शाहीन बाग में लगभग 70 दिनों से जो धरना सीएए के विरोध में चल रहा है। अब दिल्ली के कई क्षेत्रों मेें एक समुदाय सीएए के समर्थन में दिल्ली की गलियों में चक्का जाम के पक्ष में है । सोशल मीडिया में चर्चा भी है कि आगामी 28 फरवरी को एन एच 24 पर धरना प्रदर्षन कर सकते है। मौजपुर और जाफराबाद के लोगों का कहना है कि दिल्ली में जब से देश आजाद हुआ है तब से अब तक ऐसा उपद्रव कभी नहीं देखने को मिला है जो गत दो महीनों से देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अगर केन्द्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीे उठाये तो आने वाले दिनों मेें दिल्ली आग की चपेट में आ सकती है। जिसकी लपटों की आंच देश भर को झुलसा सकती है।