जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक शनिवार को दिल्ली पुलिस से बहस के बाद थाने में धरने पर बैठ गए। इससे पहले यह खबर उड़ गयी कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि, पुलिस ने बाद में साफ़ किया कि यह सही नहीं है।
मलिक पार्क में एक बैठक कर रहे थे जब वहां पुलिस पहुंची। पुलिस के मुताबिक मलिक ने इस बैठक के लिए इजाजत नहीं ली थी। इसके बाद मलिक ने दिल्ली पुलिस से बहस होने के बाद अपने समर्थकों के साथ थाने में धरना शुरू कर दिया। पुलिस का कहना है कि मलिक से परमिशन को लेकर पूछताछ की गई थी।
पूर्व राज्यपाल के समर्थन में हरियाणा से कुछ किसान नेता दिल्ली उनके आवास पर पहुंचे थे। मलिक ने आरके पुरम सेक्टर 12 में स्थित पार्क में उनके लिए भोजन की व्यवस्था की। दिल्ली पुलिस का कहना है कि पार्क में मीटिंग करने को लेकर उनके पास अनुमति नहीं थी, इसी को लेकर पुलिस ने आपत्ति जताई गयी थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के बाद सत्यपाल मलिक थाने पहुंचे और धरना देने की घोषणा कर दी। वहीं पुलिस का कहना है कि मलिक का बेटा और बेटी आरके पुरम इलाके में रहते हैं। मलिक वहां बड़ी संख्या में लोगों के साथ एक पार्क मीटिंग कर रहे थे। जब पुलिस ने उनसे पूछा कि सार्वजनिक जगह पर मीटिंग की परमिशन है तो उन्होंने मना कर दिया। पुलिस ने कहा कि सत्यपाल मलिक अपनी कार से थाने आए. पुलिस ने न तो उन्हें बुलाया और न ही हिरासत में लिया।
जम्मू कश्मीर में पुलवामा हमले और भ्रष्टाचार को लेकर मलिक के सनसनीखेज बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शुक्रवार को मलिक को सीबीआई से समन मिला जिसके बाद दिल्ली के आरके पुरम के डीडीए पार्क में खाप पंचायत होनी थी। कांग्रेस ने भी मलिक को सीबीआई के समन के बाद कहा कि ‘यह तो होना ही था’। कांग्रेस मालिक के बाद केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है।