केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को प्रवासी मजदूर व अन्य को अपने गृह राज्य में भेजे जाने को लेकर दिशा-निर्देश को लेकर स्पष्ट किया है। लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों व छात्रों और अन्य को सड़क के रास्ते से ही राज्य सरकारें अपने-अपने सूबों में ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था करेंगे। इसके लिए पहले पंजीकरण करना होगा साथ ही नोडल अधिकारी भी तैनात करने होंगे।
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि सभी राज्यों को इससे जुड़े आदेश दिए जा चुके हैं। सड़क मार्ग द्वारा ही प्रवासियों को उनके गृह स्थान भेजा जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए साथ ही जरूरी एहतियात बरतने होंगे।
मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, इसमें तमाम सावधानी बरतनी होंगी। मसलन, जिन बसों से प्रवासियों को ले जाया जाएगा उन्हें पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा। जितने भी राज्यों से होकर बसें गुजरेंगी, वहां की सरकारें विशेष तौर पर पास करने की अनुमति देंगी। स्थानीय अधिकारियों को पहले प्रवासियों की जांच करनी होगी।
पहुंचने के बाद अगर अधिकारियों को लगता है कि संबंधित व्यक्ति को संस्थागत क्वारंटीन केंद्र में रखने की आवश्यकता नहीं है तो उसे होम क्वारंटीन पर भेज दिया जाएगा। 14 दिन तक हर दिन निगरानी की जाएगी साथ ही जांच की भी व्यवस्था करनी होगी।