संसद के शीतकालीन सत्र से विपक्ष के 143 सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया है और इसी के चलते मोदी सरकार विपक्षी सांसद मोदी सरकार का विरोध कर रहे हैं और उनका कहना है कि विपक्षी सांसदों का निलंबन आलोकतांत्रिक है।
विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को एलओपी मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में संसद भवन से विजय चौक तक विरोध मार्च निकाला है। इस मार्च में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत विपक्ष के तमाम दलों के सांसद शामिल हुए। सभी सांसदों ने अपने हाथों में बड़ा बैनर पकड़ा हुआ था साथ ही तख्तिया भी पकड़ी हुई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सत्तारूढ़ भाजपा पर लोकतंत्र में विश्वास न रखने का आरोप लगाया और कहा कि जिससे कल लगभग दो-तिहाई विपक्ष के सत्ता से बाहर होने के बाद भारत के आपराधिक कानूनों की जगह लेने वाले तीन विधेयक पारित किए।
मार्च निकालने के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, “सरकार नहीं चाहती कि सदन चले। राज्यसभा अध्यक्ष ने मुद्दा उठाकर संसद में जातिवाद लाया। हम संसद सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाना चाहते थे। ऐसा क्यों हुआ और कौन जिम्मेदार है? पीएम मोदी, गृह मंत्री को सुरक्षा उल्लंघन पर सदन में बोलना चाहिए था। पीएम ने कहीं और बात की लेकिन लोकसभा, राज्यसभा में नहीं आए। हम लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा अध्यक्ष से बार-बार अनुरोध कर रहे हैं कि वे हमें सुरक्षा उल्लंघन पर बोलने की अनुमति दें। सत्तारूढ़ दल के सांसद कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। सांसदों के निलंबन के खिलाफ इंडिया गठबंधन के नेता शुक्रवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।”