अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की जनता के नाम चिट्ठी में देशवासियों की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा है कि हमें यह हमेशा याद रखना है कि १३० करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती। हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी। हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे।
अपनी चिट्ठी में मोदी ने कहा – ”हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, हमारे दुकानदार भाई-बहन, लघु उद्यमी, ऐसे साथियों ने असीमित कष्ट सहा है। इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं।”
मोदी ने कहा – ”कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा, तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा। लेकिन आज सभी देशवासियों ने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है। आपने यह सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है।”
पीएम ने चिट्ठी में अपनी सरकार के पहले कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है।
मोदी ने कहा – ”साल २०१४ में आपने, देश की जनता ने, देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। उन पांच वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है। उन पांच वर्षों में देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है। उस कार्यकाल में जहां विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी, वहीं हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर, गरीब की गरिमा भी बढ़ाई। जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंक, वन पेंशन, वन नेशन, वन टैक्स (जीएसटी), किसानों की एमएसपी की बरसों पुरानी मांग को पूरा करने का काम किया।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल ३७० की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम – राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो, या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं। एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले, अनेक बदलाव ऐसे भी हैं, जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति दी है, नए लक्ष्य दिए हैं, लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है।
मोदी ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस दौरान गरीबों को, किसानों को, महिलाओं-युवाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता रही है। अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है। बीते एक वर्ष में इस योजना के तहत ९.५० करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में ७२,००० करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई है।
कोरोनावायरस पर मोदी – ”ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं की तरफ से कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है। निश्चित तौर पर, इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो।
नड्डा की प्रेस कांफ्रेंस
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कार्यकर्ताओं को बधाई दी और कहा कि पिछले छह साल की तरह वे पूरी ताकत से पीएम मोदी के साथ उनकी ही तरह देश सेवा में जुटे रहें।
नड्डा ने कहा कि हम जब सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा कर रहे हैं और पूरा विश्व कोरोना के साये में है तो प्रधानमंत्री मोदी स्वदेशी-स्वावलंबन मंत्र को लेकर आगे बढ़े हैं। दूसरे देशों के मुकाबले भारत ने पीएम की अगुवाई में कोरोना के खिलाफ लड़ाई इस तरह लड़ी जिसमें भारत की स्थिति संभली हुई है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाउन के समय भारत की कोरोना टेस्ट की क्षमता महज १०,००० टेस्ट रोजाना थी और आज ये क्षमता डेढ़ लाख से भी ज्यादा है। देश में करीब ४.५० लाख पीपीई किट्स प्रतिदिन देश में बन रहे हैं। करीब ५८ हजार वेंटिलेटर देश में तैयार हो रहे हैं।