महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिव सेना सरकार का मामला अटकने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को मौक़ा देते हुए २४ घंटे (मंगलवार रात ८.३० बजे तक) का समय दिया है ताकि वह समर्थन के साथ अपना दावा कर सके। पार्टी नेता छगन भुजबल और अजित पवार राज्यपाल से ”दावे” के लिए आधे घंटे के भीतर मिलेंगे। इससे पहले शिव सेना राज्यपाल से मिली लेकिन समर्थन पत्र न होने की बात कहकर ४८ मांगा जिसे देने से राज्यपाल ने इंकार कर दिया।
पहले की ख़बरों के विपरीत तीन घंटे की बैठक के बाद कांग्रेस ने दिल्ली में साफ़ किया कि उसने शिव सेना को अभी समर्थन का फैसला नहीं किया है और पवार के साथ बातचीत के बाद ही इसे लेकर फैसला किया जाएगा। राजभवन ने बाकायदा रिलीज जारी कर कहा है कि शिव सेना ने तीन दिन का वक्त मांगा था जो उसे नहीं दिया गया है।
एनसीपी ने भी शिव सेना को समर्थन पत्र नहीं दिया है। यह बात कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कही है। इस तरह मामला बहुत दिलचस्प हो गया है। यह भी हो सकता है शिव सेना एनसीपी को समर्थन कर दे क्योंकि उसके पास और कोइ चारा नहीं है।
इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि शरद पवार को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बना दिया जाये। पहले इस तरह की चर्चा थी कि ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर पहले शरद पवार को सीएम बनाकर ढाई साल बाद शिव सेना के आदित्य ठाकरे को सीम बनाया जाये ताकि उनको अनुभव मिल सके।
शिव सेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि वे राज्यपाल से मिले हैं जिसमें उन्होंने ४८ घंटे का वक्त राज्यपाल से मांगा है लेकिन उन्होंने वक्त देने से मना किया है। ऐसी स्थिति में हो सकता है कि राज्यपाल एनसीपी-कांग्रेस को भी सरकार बनाने की बाबत पूछ सकते हैं और न्योता दे सकते हैं। कुल मिलाकर स्थिति दिलचस्प बनी हुई है।