नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया साथ ही चुनाव नहीं लड़ने का भी फैसला किया है।
शरद पवार के इस फैसले से पार्टी के अन्य नेता खुश नहीं हैं। और उनके ऐलान के बाद उनके समर्थक खड़े हो गए व फैसला वापस लेने का आग्रह करने लगे। पार्टी के कर्इ नेता व कार्यकर्ता काफी दुखी हैं और नारेबाजी कर मांग की कि एनसीपी सुप्रीमो को अपना फैसला वापस लें।
उन्होंने कहा कि, “राज्सभा में मेरा तीन साल का कार्यकाल बाकी है। मैं आगे चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैंने अपना राजनीतिक जीवन 1 मई 1960 को शुरू किया था। कल हमने मर्इ दिवस मनाया। इतने लंबे राजनीतिक करियर के बाद कहीं रुकने के बारे में सोचना चाहिए। किसी को लालची नहीं होना चाहिए।”
एनसीपी अध्यक्ष ने आगे कहा कि, “आगे की रणनीति तय करने के लिए एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की एक समिति बनाई जाए। इस समिति में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, पीसी चाको, नरहरि जिरवाल, अजीत पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र अवध, हसन मुश्रीफ, जयदेव गायकवाड, धनंजय मुंडे औप पार्टी फ्रंटल सेल के प्रमुख शामिल होंगे। ”
वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने शरद पवार के इस ऐलान के बाद कहा कि, “शरद पवार साहब द्वारा लिया गया फैसला हमारे लिए भी चौंकाने वाला है। हम भी यही चाहते है कि वे सन्यास न लें। हम जानते हैं कि उम्र की पाबंदियां होती हैं लेकिन उनकी उपस्थिति भी बहुत मायने रखती है।“