विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर आज डाक्टरों ने कहा कि कोरोना काल में हार्ट रोगियों को अपने स्वास्थ्य की विशेष देखभाल करने की जरूरत है क्योंकि जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ राकेश यादव ने बताया कि जागरूकता के अभाव में और खानपान में तलीय पदार्थो के अत्याधिक सेवन से हार्ट रोग जैसी बीमारी पनप रही है।
मैक्स अस्पताल के हार्ट रोग सर्जन डाँ रजनीश मल्हौत्रा का कहना है कि देश में युवाओं में हार्ट रोग के बढ़ते मामलों का एक कारण ये है कि हार्ट रोग के लक्षणों को नजर अंदाज करते है और समय पर इलाज कराने से बचते है जो उनके लिये घातक होता है। जैसे जबड़े व वाये हाथ के दर्द के नजरअंदाज करना, घबराहट के साथ पसीना का आना आदि शामिल है।
जाने –माने हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ अनिल ढ़ल का कहना है कि एक दौर था जब हार्ट रोग का इलाज बढ़ा माना जाता था पर आज चिकित्सा क्षेत्र में हो रही तरक्की से और नये –नये शोधों से हार्ट रोग का इलाज सरल हुआ है। इंडियन हार्ट फाउण्डेशन के चैयरमेन डाँ आर एन कालरा का कहना है कि कोरोना काल में लोगों में एक में लोगों ने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान तो दिया है लेकिन इलाज कराने से बचें है। उन्होंने कहा कि कोई भी रोग हो उसका इलाज जरूर करवाये। मधुमेह रोगी, उच्च रक्त चाप और मोटापा रोग से पीड़ित मरीज अपने स्वास्थ्य का चैकअप जरूर साल में एक बार करवायें । कोलेस्ट्राल को ना बढ़ने दें और व्यायाम प्रतिदिन 40 मिनट हर रोज करें। कोरोना का भी असर हार्ट पर होता है। इसलिये हार्ट रोगीको अगर सांस लेने में दिक्कत में होती है तो निश्चित तौर अपने हार्ट का चैकअप करवायें।डाँ आर एन कालरा का कहना है कि हार्ट रोग से बचना है तो नियमित व्यायाम करें।




