युवा प्रतिभाओं को मिलें मौक़े
डॉ. राम प्रताप सिंह
किसी भी देश या समाज को प्रगति के पथ पर ले जाने में युवाओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। युवा प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्व सहमति से विश्व युवा कौशल दिवस (वल्र्ड यूथ स्किल्स-डे) मनाने का प्रस्ताव पास किया। तबसे हर साल 15 जुलाई को यह दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य वैश्विक स्तर पर युवाओं को रोज़गार, अच्छे काम तथा उद्यमिता के लिए ज़रूरी कौशल प्रदान करना है, जिससे उनकी सामाजिक तथा आर्थिक परिस्थितियों को बेहतर किया जा सके। इस दिवस पर प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक थीम को चिह्नित किया जाता है। वर्ष 2023 की थीम ‘परिवर्तनकारी भविष्य के लिए शिक्षकों, प्रशिक्षकों और युवाओं को कुशल बनाना’ है।
समझना होगा कौशल का महत्त्व
युवाओं पर किसी भी देश का भविष्य निर्भर करता है, हमें यह समझना होगा कि कोई भी देश तभी सशक्त होगा, जब वह युवा वर्ग की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए विकास के आवश्यक वातावरण तैयार करें तथा उन्हें किस ज़रूरी कौशल से लैस करें। ध्यातव्य रहे कि किसी भी देश द्वारा युवाओं का कौशल निर्माण करने से सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में आसानी होगी तथा समावेशी विकास को बल मिलेगा। प्रत्येक देश के नीति निर्माताओं को चाहिए कि वे विकास के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को भागीदार बनाएँ। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस दौर में उन्हें तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा से जोडऩे की ज़रूरत है।
यह दु:खद है कि आज दक्षिणी विश्व के कई देशों में करोड़ों युवा ऐसे हैं, जिनकी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों तक पहुँच आसान नहीं है। इंटरनेट, लैपटॉप और स्मार्टफोन की सुविधा न होने से इन देशों में युवाओं के कौशल निर्माण में लगातार समस्या आ रही है। हमें आने वाले दिनों में एक वैश्विक मिशन के तहत सभी को मिलकर इस मुद्दे पर काम करना होगा, ताकि युवाओं को सशक्त किया जा सके तथा उनकी क्षमताओं का लाभ उठाया जा सके। अफ्रीका समेत दुनिया के कई क्षेत्रों में युवाओं के हालात इतने बुरे हैं कि इनको ठीक करने में दशकों लगेंगे। तकनीक आधारित गुणवत्तायुक्त शिक्षा और कौशल विकास से आज भी अच्छी संख्या में युवा कोसों दूर है। पिछले कुछ रिपोट्र्स हमें बताती हैं कि विश्व के अलग-अलग देशों में कौशल अर्जित करने में बड़ा अंतराल है।
भारत में बेहतर प्रयास ज़रूरी
पिछले कुछ वर्षों में केंद्र तथा राज्य सरकारों ने युवाओं को कौशल विकास से जोडक़र उन्हें बेहतर ज़िन्दगी देने की कोशिश की है। भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर 15 जुलाई, 2015 को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू की गयी। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की नयी रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया की सबसे युवा आबादी वाला देश बन गया है। यहाँ अकेले 15 से 20 आयु वर्ग की युवाओं की आबादी 25 करोड़ से भी ज़्यादा है। इतनी बड़ी युवा आबादी का कौशल विकास देश के लिए आसान नहीं है, और इसमें अभी वर्षों लगेंगे। कौरसेरा द्वारा जारी वैश्विक कौशल रिपोर्ट-2022 में समग्र कौशल दक्षता के मामले में भारत को 68वाँ स्थान प्राप्त हुआ था। हालाँकि डिजिटल इंडिया अभियान के बाद देश में डिजिटल व्यवस्था का$फी सशक्त हुई है और इसका फ़ायदा युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में मिल भी रहा है; लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हमें स्थिति को सुधारने होंगे।
वर्तमान में देश का युवा वर्ग बेरोज़गारी जैसी चुनौती का सामना कर रहा है। देश में कई ऐसे राज्य हैं, जहाँ युवाओं के कौशल निर्माण के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी है। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल डिवाइड आज भी एक मुद्दा है। कई राज्यों के सुदूर क्षेत्रों में इंटरनेट की उपलब्धता न होने के कारण युवा वर्ग को नवीनतम सूचना, शिक्षा तथा कौशल अर्जित करने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान समय तकनीक का है और तकनीक आधारित इस युग में भारतीय युवा वर्ग नये कौशल अर्जित करके सफलता की बुलंदियों को छू सकते हैं तथा देश की प्रगति को नयी गति दे सकते हैं। (लेखक मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर, राजस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।)