उन्नाव में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली कोर्ट ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि उसे (सेंगर) मृत्यु तक जेल में रखा जाए। उनपर २५ लाख रूपये का जुर्माना भी किया गया है।
सेंगर के मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने कुछ दिन पहले ही उन्हें दोषी करार दिया था और सजा का फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने इस मामले में सह अभियुक्त शशि सिंह को बरी कर दिया था। अब अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि सेंगर एक जनप्रतिनिधि था लेकिन उसने लोगों का विश्वास तोड़ा।
उन पर अपहरण और बलात्कार का आरोपित साबित हुआ था। तीस हजारी अदालत ने उन्हें एक महीने के भीतर २५ लाख रूपये जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है। सेंगर से मिलने वाली रकम पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी।
इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को पीड़ित और उसके परिवार की सुरक्षा से संबंधित जानकारी हर तीन महीने में लेने के निर्देश दिए हैं। पीड़ित और उसका परिवार अगले एक साल तक दिल्ली महिला आयोग की तरफ से मुहैया करवाए गए घर में ही रहेगा। कोर्ट ने कहा कि इस घर के लिए यूपी सरकार हर महीने पीड़ित और उसके परिवार को १५ हजार रुपए दे।
कुछ महीने पहले सेंगर को लेकर देशव्यापी विरोध के बाद भाजपा ने उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उसपर आरोप था कि २०१७ में कुलदीप और उसके साथियों ने उन्नाव में लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था। जुलाई २०१९ में पीड़ित की कार का एक्सीडेंट हो गया था, जिसका आरोप विधायक पर लगा हालाँकि जांच में उसे क्लीनचिट दे दी गई थी।
सजा पर हुई बहस के दौरान सीबीआई ने दोषी विधायक के लिए अधिकतम सजा की मांग और पीड़ित के लिए उचित मुआवजा मांगा था। वहीं, सेंगर के वकीलों ने अदालत से उसे न्यूनतम सजा देने की प्रार्थना की थी। वकीलों ने कहा था- सेंगर की दो नाबालिग बेटियां हैं और पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं रहा है। इसलिए सजा सुनाते समय इन बातों पर भी विचार किया जाए।