दिल्ली: वरिष्ठ फोटो पत्रकार नरेश शर्मा को राज्य की विरासत और संस्कृति पर उनकी तस्वीर के लिए जम्मू-कश्मीर राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। विभिन्न पुरस्कार विजेता, नरेश शर्मा को यह अवार्ड जम्मू में आयोजित एक समारोह में जम्मू-कश्मीर सरकार की कमिश्नर, स्टेट टैक्स ने प्रदान किया।
राज्य विरासत से संबंधित तीन सर्वश्रेष्ठ तस्वीरों के लिए यह पुरस्कार पर्यटन विभाग, जम्मू और कश्मीर द्वारा स्थापित किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि नरेश शर्मा ने 2002 में जब यह पुरूस्कार शुरू हुआ था, तब भी इसमें पहला पुरूस्कार हासिल किया था। यह पुरस्कार पर्यटन विभाग, जम्मू और कश्मीर सरकार के तत्वावधान में पर्यटन निदेशालय, जम्मू द्वारा आयोजित ‘सबसे बड़ा घुमक्कड़ फोटोग्राफी प्रतियोगिता’ का हिस्सा था।
नरेश शर्मा दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं पर काम किया है। उनकी कुछ तस्वीरें दिल्ली सरकार के अभियानों का हिस्सा भी थीं। उन्हें जम्मू में आयोजित एक समारोह में राज्य कर आयुक्त रश्मि सिंह से पुरस्कार मिला। पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और 15,000 रुपये नकद शामिल हैं।
जम्मू स्थित पर्यटन विभाग के निदेशक विवेकानंद राय, जम्मू-कश्मीर पर्यटन की संयुक्त निदेशक सुनैना शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में उपस्थित थे। जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग की तरफ से जिला प्रशासन जम्मू के सहयोग से गरबा और डांडिया रात्रि समारोह का आयोजन पद्म श्री पद्मा सचदेव गवर्नमेंट पीजी कॉलेज फॉर विमेन, गांधी नगर में नवरात्रि समारोह के एक भाग के रूप में किया गया।
विवेकानंद राय ने इस मौके पर फोटोग्राफी के क्षेत्र में नरेश शर्मा की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। नरेश शर्मा ने 5 साल से अधिक समय तक जम्मू-कश्मीर में काम किया है और आतंकवाद, राजनीति और अन्य प्रमुख घटनाओं को कवर किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार की पहल पर भी प्रकाश डाला और कहा कि डांडिया रात्रि का आयोजन किया गया है और केंद्र शासित प्रदेश में धूमधाम से नवरात्रि मनाई जा रही है।
जम्मू-कश्मीर पर्यटन की संयुक्त निदेशक सुनैना शर्मा ने भी नरेश शर्मा द्वारा खींची तस्वीरों की प्रशंसा की, और कहा यह जम्मू और कश्मीर की संस्कृति और विरासत को दर्शाती है। उन्होंने नरेश शर्मा को बधाई देते इंडियन एक्सप्रेस के साथ जम्मू में नरेश शर्मा के काम को याद किया।
इस अवसर पर डोडा के दीपक ठाकुर को दस हजार रुपये का दूसरा पुरस्कार जबकि पुंछ के इरफान चौधरी को पांच हजार रुपये का तीसरा पुरस्कार प्रदान किया गया।