प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम देश के अपने संबोधन में देश को सावधान किया है कि कोरोना अभी ख़त्म नहीं हुआ है और बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि लापरवाही बहुत महंगी साबित हो सकती है। जब तक वैक्सीन नहीं आती, कोरोना से लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना चाहिए।
पीएम ने कहा कि बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए देश युद्ध स्तर पर वैक्सीन के काम में जुटे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी कोरोना वैक्सीन के लिए जुटे हैं। कुछ एडवांस स्टेज में हैं। जब भी वैक्सीन आएगी उसे भारतीयों तक पहुँचाने के लिए सरकार की तैयारी जारी है। इसके लिए तेजी से काम हो रहा है।
इस साल के महीनों में मोदी ने देश के नाम अपने 7वें संबोधन में कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ़ेयू से लेकर भारत के लोगों ने लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आ रही है। अधिकांश लोग सावधानी बरत रहे हैं लेकिन जीवन को गति देने के लिए घरों से भी निकल रहे हैं। त्योहारों के मौसम में बाज़ारों में रौनक लौट रही है। नहीं भूलना है कि लॉक डाउन भले चला गया, वायरस नहीं गया है। भारत में स्थिति संभली है, उसे बिगड़ने नहीं देना है, सुधार करना है। रिकवरी रेट अच्छा है। मरने वालों का रेट भी कम है।
पीएम ने आज फिर भारत की अमेरिका और ब्राज़ील से तुलना की। कहा कि वहां बहुत ज्यादा खराब हालत है। मृत्यु दर का भी जिक्र किया है और कहा कि उन देशों में आंकड़ा भारत से कहीं ज्यादा है। साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने नागरिकों का जीवन बचाने में सफल रहा है। आज कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बिस्तर के सुविधा उपलब्ध हैं।
मोदी ने कहा कि हमारे डाक्टर, नर्सें, हेल्थ वर्कर, सुरक्षा कर्मी निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। यह समय सावधानी बरतने का है। लापरवाह नहीं होने का समय है। यह मत सोचें कि कोरोना चला गया, अब कोई खतरा नहीं। ऐसा न सोचें। हाल में हमने बहुत से वीडियो देखे जिनमें साफ़ दीखता है लोगों ने असावधानी शुरू कर दी। यह बिलकुल गलत है। लापरवाही न करें , बिना मास्क के न निकलें। खुद को, परिवार और बच्चों बुजुर्गों को संकट में न डालें। अमेरिका और यूरोप में मामले कम हो रहे थे लेकिन फिर बढ़ने लगे हैं। यह चिंताजनक है। भारत में ऐसा नहीं होने देना है।