उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर का मतदान अब 7 मार्च को होना शेष बचा है। प्रदेश के पिछलें छह चरणों में हुये चुनाव से सियासतदांन चाहे जो भी आंकलन निकालें । लेकिन 10 मार्च के चुनाव परिणाम से ही सही पता चलेंगा कि कौन सा दल सरकार बना है और कौन सा दल सरकार बनाने से रह गया है।
बताते चलें इस बार चुनाव को सपा और भाजपा के बीच दिखाया गया है। लेकिन कई जिलों में और विधानसभा सीटों पर चुनाव में बसपा का हाथी भी दौड़ा है। प्रदेश की राजनाीति के जानकार प्रमोद गर्ग का कहना है कि 7 मार्च को होने वाले चुनाव में वनारस जिले की सीट पर चुनाव है। जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकसभा सीट है। इस लिहाज से इस सीट पर देश के नेताओं की पैनी नजर है। वही विरोधी राजनीतिक दलों ने वनारस सीट पर ज्यादा ही मेहनत की है। ताकि वनारस से भाजपा को हराया जा सकें।
वहीं भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ -साथ राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने घर -घर जाकर एक -एक वोट को सांधने का प्रयास किया है।यहां के लोगों का कहना है कि वनारस में काम और विकास भी हुये है। गंगा घाट को सजाया और संभारा गया है वहीं बहुत से ऐसे काम हुये है। जिससे जनता प्रसन्न है।
जानकारों का कहना है कि सपा ने इस बार चुनाव में भाजपा की ही तर्ज पर यहां पर राजनीति की है। जैसे पूरे चुनाव प्रचार में हिन्दु मतदाता को रिझाने का काम किया है। जिससे भाजपा के वोट बैंक पर आसानी से सेंध लगायी गई है।प्रमोद गर्ग का कहना है कि राजनीति दलों का मानना है कि लास्ट राऊण्ड के चुनाव मेंं जात हासिल करने के लिये जोर-आजमाइस जमकर हो रही है। इसलिये सारे जातीय और धार्मिक समीकरण को सांधा जा रहा है। ताकि कोई कोर -कसर चुनाव में न रह जाये।