दिल्ली में जैसे ही, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 19 अप्रैल की रात 10 बजे 26 अप्रैल की सुबह 5 बजे तक का सम्पूर्ण लाँकडाउन लगाने की घोषणा की, वैसे ही दिल्ली में लोगों ने अपने –अपने घरों में राशन का सामान खरीदकर रखने की होड़ सी मचा दी। राशन की दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई । वहीं दिल्ली में शराब की दुकानों में लम्बी-लम्बी कतारें देखी गई है। बताते चलें, कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में दिन पर दिन इजाफा होने से और मौतों का आंकड़ा बढ़ने से दिल्ली में वैसे ही लोगों के बीच डर का माहौल था।
दिल्ली में लाँकडाउन की घोषणा पर लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि दिल्ली में रात का तो कर्फ्यू था ही। अब 6 दिनों का कर्फ्यू देखों, कोरोना की चेन को तोड़ने में कितना कारगर होता है। ये तो आने वाले दिनों में ही सामने आयेगा। राशन का समान खरीदने वाले विमल कुमार और गृहणी सुरेखा का कहना है कि इस बार का कोरोना लोगों में डर
पैदा कर रहा है कि कब क्या हो जाये। ऐसे में अपने घरों में राशन को रखना उन्होंने उचित ही समझा है। दिल्ली का कोई भी ऐसा बाजार देखने को नहीं मिला है जहां पर शराब की दुकान हो और वहां पर शराब पीने वालों ने जमकर शराब की खरीददारी ना की हो। बताते चलें पिछली साल 2020 में लाँकडाउन लगने पर शराब के शौकीनों को शराब ना मिलने पर काफी परेशानी हुई थी।
एडवोकेट पीयूष जैन ने लाँकडाउन को लेकर सरकार के फैसले पर कहा है कि वैसे ही कोरोना के कारण पिछले साल से अब तक लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है। अब जैसे- तैसे लोगों ने निकलना शुरू किया और बाजार थोड़ा-थोड़ा चलने लगा तो फिर से लाँकडाउन से बाजार काम धंधा चौपट हो जायेगा। ऐसे में सरकार को लाँकडाउन के अलावा अन्य विकल्प पर ध्यान देना होगा। अन्यथा कोरोना के साथ –साथ लोगों को रोजी –रोटी की समस्या से जूझना होगा। जो लोगों के लिये मुसीबत बन सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के लाँकडाउन का कोई लाभ नहीं होता है जब दिल्ली में दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के लोगों के आने-जाने पर पाबंदी ना लगे। तो कोरोना को कैसे रोका जा सकता है। इसलिये कोरोना गाइड लाईन पर सख्ती से पालन करने की जरूरत है।