रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे जबरदस्त तनाव के बीच यूक्रेन ने बुधवार को देश पर हमला होने की आशंका जताई है, जबकि रूस ने अभ्यास में जुटे अपने कुछ सैनिकों को वापस बेस पर बुलाने की कवायद की है, जिसके बाद चर्चा है कि क्या युद्ध टल सकता है ? अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस बात पर बहस शुरू हो गयी है कि क्या रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध टल सकता है या होगा ही। इधर भारत ने यूक्रेन में बसे भारतीयों को वहां से बाहर चले जाने का सुझाव दिया है।
यूक्रेन संकट के बीच मंगलवार सुबह रूस के रक्षा मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता ईगोर कोनाशेनकोव ने कहा – ‘यूक्रेन के पास तैनात कुछ बलों ने अपना सैन्य अभ्यास पूरा कर लिया है और जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।’ उनका यह ब्यान इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि रूस के यूक्रेन पर हमले को टालने के लिए पिछले दो दिन से राजनयिक प्रयास काफी तेज कर दिए गए हैं।
दो दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से 52 मिनट तक बातचीत की थी, जिसमें रूस को हमले के प्रति चेताया गया था। हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि रूस चुप बैठ गया है। सेटेलाइट की तस्वीरों से साफ़ जाहिर हुआ कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं। उसका युद्धाभ्यास से अभी चल रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने भी 16 फरवरी को रूस के उनके देश पर हमला करने की आशंका जताई है।
हालांकि, मंगलवार को यह खबर आने के बाद कि यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूसी सैनिक पीछे हटे हैं, यह कयास लग रहे हैं कि क्या रूस युद्ध न करने के लिए तैयार हो गया है? रूस ने सिर्फ यह कहा है कि अभ्यास कर चुके कुछ सैनिक वापस बेस पर लौटे हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ‘दक्षिणी और पश्चिमी सैन्य जिलों की यूनिट अपना कार्य पूर्ण करने के बाद रेल और सड़क परिवहन पर अपने हथियारों और साजो-सामान को लोड कर सैन्य चौकियों (बेस) में लौटना शुरू कर रही है।’
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ भी मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत के लिए मास्को में थे। बता दें दोनों देशों में तनाव पर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार पर गहरा असर पड़ता दिख रहा है। क्रूड आयल की कीमतों में उछाल के अलावा अर्थ बाज़ार भी बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है।