कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने मेरठ में उन परिजनों से मिलने से रोक दिया है जिनके बच्चे हाल में नागरिकता क़ानून विरोधी आंदोलन में जान गंवा बैठे हैं। पुलिस का कहना रहा है कि कोई भी छात्र उसकी गोली से नहीं मरा है, जबकि आरोप लगाया जा रहा है कि यह मौतें पुलिस गोली से हुई हैं।
अब मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मेरठ में आंदोलन के दौरान मारे गए छात्रों के परिजनों से मिलने जा रहे थे। लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें मेरठ के बार्डर पर ही रोककर आगे जाने की इजाजत देने से इंकार दिया। पुलिस ने उनसे कहा कि वे दो-तीन दिन बाद आएं तब तक क़ानून व्यवस्था की स्थिति व्यवस्थित करके की कोशिश की जाएगी।
इसपर राहुल ने उनसे कागज़ दिखाने का आग्रह किया लेकिन पुलिस उन्हें रोके जाने के लिए कोइ कागज़ नहीं दिखा पाई हालांकि कहा कि वहां धारा १४४ लगी हुई है और उनकी आगे जाने से क़ानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है। राहुल और प्रियंका अब दिल्ली के लिए वापस लौट रहे हैं।
काफी देर बहस चलने के बाद दोनों कांग्रेस नेताओं ने वापस लौटने का फैसला किया ताकि कोइ समस्या खड़ी न हो। याद रहे रविवार को ऐसे ही परिजनों से मिलने प्रियंका गांधी बिजनौर गईं थीं और वे उनसे मिलीं भी थीं।