शनिवार 11अगस्त को जयपुर की सड़कों पर यह अद्भुत दृश्य था। एयरपोर्ट से लेकर एलबर्ट हाल के निकट रामलीला मैदान तक पहुंचने वाला तेरह किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग फूलों की बारिश से अट गया था। राजस्थानी सांस्कृतिक परिवेश में नाचती गाती लोकनर्तकों की टोलियां और छतों से लेकर सड़क के दोनों छोर पर नारों के साथ स्वागत करते हुए स्त्री-पुरुषों का विशाल हुजूम था। चुनावी रणभेरी बना यह दिलकश नजारा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का ‘रोड शो’ था। इस सफर में राहुल गांधी कम से कम एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर बस से नीचे उतरे और हुलसतेे स्वागतकर्ताओं से संवाद किया। राजनीतिक रणनीतिकारों ने इस ‘रोड शो’ को पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के जयपुर दौरे के जवाबी कार्यक्रम के रूप में देखते हुए इस बात की तस्दीक की कि, ‘इस कार्यक्रम ने कांग्र्रेसजनों में जोश पैदा कर दिया है। राहुल गांधी की अगवानी में उमड़ती जबरदस्त भीड़ के रेले से भोंचक भाजपा नेता अपना विस्मय भाव हलक से उतार भी नहीं पाए थे कि केन्द्र की मोदी और राज्य की वसुंधरा सरकार पर किए गए पांच बड़े हमलों से तिलमिला कर रह गए। सरकारों को लाजवाब करने वाले हमलों में सबसे बड़ा वार राफेल सौदे को लेकर था कि ‘देश के चैकीदार ने 45 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबे अपने मित्र उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए राफेल का ठेका दे दिया। उन्होंने यह कहते हुए आश्चर्य जताया कि, ‘क्यों इस मामले में पूर्व रक्षा मंत्री पर्रीकर से बात तक नहीं की गई? हर साल दो करोड़ को रोजगार दिलवाने और प्रत्येक के खाते में 15 लाख रुपए डलवाने की वादा खिलाफी का क्या हुआ? कांग्रेस के इस प्रतिनिधि सम्मेलन में जुटी भीड़ भाजपा पर राहुल गांधी के हमलावर तेवरों पर इस कदर तालियां पीट रही थी मानों उन्होंने कोई नए राहुल गांधी देख लिया जो भाषाई गेंदबाजी से प्रधानमंत्री मोदी की वादाखिलाफी को टुकड़े-टुकड़े करते हुए तराश रहे थे ताकि सरकार के लिए उन्हें पचाना मुश्किल हो जाए?
राहुल गांधी ने रोजगार पर मोदी की अप्रत्याशित चुप्पी को कचोटते हुए बड़ी बेबाकी से कहा, मध्यमवर्ग ने ही मोदी की राजनीति को सबसे बडा आयाम दिया और मोदी उन्हीं के सामने बेबस खड़े रह गए? महिला शिक्षा पर वसुंधरा सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा, ‘यह जुमलों, महलों और घोटालों की सरकार है जिसके दिन अब लदने वाले हैं। मोदी के नारे ‘बेटी पढ़ाओं, बेटी बचाओ’ की बखिया उधेड़ते हुए राहुल ने नई बहस छेड़ दी कि, ‘बेटी को किससे बचाओ, मैं कहता हूं भाजपा वालों से बचाओ …..’’ राहुल इस मुद्दे पर बुरी तरह हमलावर हेाते हुए बोले कि, ‘भाजपा विधायक ने दुष्कर्म किया, लेकिन मोदी एक शब्द नहीं बोले? दरिन्दगी पर हमलावर होते हुए राहुल ने यहां तक कहा, ‘मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में कितने बलात्कार हो रहे है , आपको पता है या नहीं? राहुल गांधी ने भाजपा सरकार का भविष्य बांचने और सबसे बड़े राजनैतिक हमले में कहा कि, ‘विधानसभा चुनावों में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। अद्भुत इत्तफाक रहा कि, ‘राहुल के बयान के ठीक तीन दिन बाद खबरिया चैनल एबीपी द्वारा मतदाताओं का रुख भांपने के साथ किए गए एक सर्वेक्षण में इस पर मुहर भी लगा दी। इतना ही नहीं राजस्थान में भाजपा की करारी हार की संभावना व्यक्त करते हुए सर्वेक्षण ने मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत को सर्वाधिक लोकप्रिय चेहरा बताया। गहलोत 43 फीसदी लोगों की पसंद थे, जबकि वसुंधरा राजे की स्वीकार्यता 24 प्रतिशत पर ही ठिठक गई थी।
भाजपा ने राहुल गांधी के ‘रोड शो’ को फ्लॉप करार देते हुए कहा, ‘हिम्मत है तो अमरूदों के बाग में करते सभा? राहुल के हमलों को संसदीय मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बचकानी हरकत बताया। जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘एक तरफ वसुंधरा सरकार ‘गौरव यात्रा’ निकाल रही है, दूसरी तरफ तीन दिन पहले ही हुई नागौर में किसान की आत्महत्या इस यात्रा का मुंह चिढ़ा रही है। विश्लेषकों का कहना हे कि, ‘वसुंधरा सरकार की सबसे बड़ी गफलत यही है कि, वो किसानों, गांवों और मध्यमवर्ग से कट गई? पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे पर हमलावर होते हुए उनके सियासी सिक्के के दूसरे पहलू को भी उलट दिया कि, ‘आज वो कांग्रेस में एकजुटता पर सवाल उठा रही है, तो आखिर उनका अपना रुख और अतीत क्या रहा है जब पिछले चुनावों में गुलाब चंद कटारिया को यात्रा निकालने और खुद को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनाने का दबाव डालते हुए तीसरा मोर्चा बनाने की धमकी दी थी?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि, ‘पहले संसद, फिर राजस्थान में चुनावी शंखनाद के लिए किए गए रोड शो ने यह मिथक पूरी तरह तोड़ दिया है कि, ‘वे बच्चे हैं, राजनीति में कच्चे हैं और बोलना भी नहीं जानते।’’ वरिष्ठ पत्रकार माला जय का कहना है कि, ‘संसद के भीतर और बाहर अपने सार्वजनिक भाषणों में उन्होंने दिखा दिया कि उनमें जब चाहे तीखे-चुभने वाले प्रहार करने की क्षमता है। उनके नेतृत्व की एक और खासियत है कि उनकी युवाकोचित उर्जा और गतिशीलता जबरदस्त रूप से लोगों को
प्रभावित कर रही है और यही उर्जा कांग्रेस का वानप्रस्थ खतम करेगी और ठप्पे से सत्ता में वापसी करेगी।