जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुलगाम इलाके से चेकिंग के दौरान दो आतंकियों को गिरफ्तार किया। हिज्बुल के आतंकियों के साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस के एंटी हाइजैकिंग स्क्वॉयड में डीएसपी को भी गिरफ्तार किया गया है। वह आतंकियों के साथ ही कार में सवार थे। डीएसपी देविंदर सिंह को 15 अगस्त के दिन राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में योगदान को देखते हुए उनको इंस्पेक्टर से पदोन्नत करके डीएसपी बनाया गया था। घाटी से दिल्ली के लिए निकले इन तीनों की कार से हथियार और करीब डेढ़ लाख रुपये नकदी भी बरामद हुई है।
फिलहाल पुलिस अधिकारी इस बारे में कुछ ज्यादा बोलने से बच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, डीएसपी की गिरफ्तारी के बाद उनके घर पर छापे मारे गए। उनके आवास से एक एके-47, दो पिस्टल और तीन हैंड ग्रेनेड भी मिले हैं। उनका आवास श्रीनगर में अतिसुरक्षित इलाके में है। उनके स्थायी आवास पर भी छापेमारी की गई।
गिरफ्तार आतंकियों की पहचान हिज्बुल के नवीद के तौर पर हुई जो दक्षिण कश्मीर का ऑपरेशनल कमांडर है। ध्यान देने वाली बात ये है कि नवीद भी जम्मू-कश्मीर में पुलिस में कांस्टेबल रह चुका है। 2017 में ड्यूटी के दौरान ही वह राइफल लेकर फरार हो गया था। नवीद कई आतंकी वारदात में वांछित है।
पुलिस अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, देविंदर की गिरफ्तारी के बाद श्रीनगर स्थित उनके आवास पर छापेमारी भी की गई। उनके घर से एक ्र्य-47 रायफल, दो पिस्टल और तीन हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए हैं। श्रीनगर में उनका आवास बादामी बाग स्थित आर्मी हेडक्वॉर्टर के नजदीक अतिसुरक्षित शिवपोरा में है। सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में त्राल स्थित उनके पैतृक घर पर भी छापेमारी हुई है। वह चार दिन की छुट्टी पर थे।
बता दें कि 15 अगस्त 2019 को ही देविंदर को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। फिलहाल उनकी तैनाती श्रीनगर हवाई अड्डे पर थी। इससे पहले 2001 में संसद पर हमले के बाद उनका नाम चर्चा में आया था। तब वह इंस्पेक्टर के रूप में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का हिस्सा थे। सफल ऑपरेशन के बाद ही उनको डीएसपी बनाया गया था।