उपराष्ट्रपति व राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को परंपरा से हटकर अपने निजी स्टाफ के 8 सदस्यों को राज्यसभा सचिवालय के दायरे में आने वाली 20 समितियों में तैनात किया गया है। इस पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर कहा है कि विभिन्न समितियों पर कड़ी नजर रखने के लिए ऐसा किया गया है।
राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी आमतौर पर संसदीय समितियों की सहायता करते है और इसमें काफी गोपनीय बैठक भी शामिल है। उपराष्ट्रपति द्वारा संसदीय समितियों में नियुक्त किए गए लोगों में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) राजेश एन नाइक, निजी सचिव (पीएस) सुजीत कुमार, अतिरिक्त निजी सचिव संजय वर्मा और ओएसडी अभ्युदय सिंह शेखावत है।
बता दें, मंगलवार को राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि, तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक समितियों के साथ अधिकारियों को जोड़ा गया है।
कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि, “उपराष्ट्रपति राज्य परिषद के पदेन अध्यक्ष हैं। वह वाइस चेयरपर्सन या वाइस चेयरपर्सन के पैनल की तरह सदन के सदस्य नहीं हैं। वह संसदीय स्थायी समितियों में व्यक्तिगत कर्मचारियों की नियुक्ति कैसे कर सकता है?”
आपको बता दें, संसदीय समितियों की परिभाषा है कि, इनमें सहायता के लिए केवल लोकसभा या राज्यसभा सचिवालय के सदस्य (सांसद) और अधिकारी शामिल होते है। और स्पीकर या अध्यक्ष के निजी कर्मचारी संसदीय सचिवालय का हिस्सा नहीं होते है।