पार्टी में उठे हाल के बवाल के बाद कांग्रेस अब संसद के आने वाले मानसून सत्र की तैयारी में जुट गयी है। सत्र पर रणनीति के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पार्टी के संसदीय रणनीति समूह के साथ बैठक की जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी।
इस बैठक में पार्टी के तमाम बड़े नेता भी शामिल हुए जिनमें गुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल भी उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की। जानकारी के मुताबिक बैठक में फैसला हुआ कि राज्यसभा के उप सभापति के चुनाव के लिए विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा। चुनाव 14 सितंबर को होना है।
जानकारी के मुताबिक बैठक में फैसला हुआ कि इस सिलसिले में यूपीए के सभी घटक दलों से बातचीत की जाएगी और अन्य सभी समान विचारधारा वाले दलों को भी साथ लेने की कोशिश की जाएगी। बता दें कि ऊपरी सदन में जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद यह पद रिक्त हो गया है। हरिवंश फिर से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं।
इस पद के लिए किस पार्टी का उम्मीदवार होगा, इस बारे में सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद कोई निर्णय किया जाएगा। इसके बाद ही उम्मीदवार का चयन होगा। बैठक में कांग्रेस ने यह भी फैसला किया है कि संसद के सत्र के दौरान दोनों सदनों में कांग्रेस चीन के साथ गतिरोध, कोरोना वायरस संकट और जीडीपी विकास दर में गिरावट समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।
बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी उपस्थित थे। राज्य सभा और लोकसभा के वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल रहे। इनमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, उप नेता आनंद शर्मा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, दोनों सदनों के मुख्य सचेतक, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी और कुछ अन्य नेता शामिल हैं। याद रहे आजाद, शर्मा और तिवारी उन 23 नेताओं में हैं जिन्होंने हाल में कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की मांग करते हुए सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था।
बैठक में यह फैसला भी हुआ है कि कांग्रेस सरकार की तरफ से संसद में मंजूरी के लिए लाए जा रहे कुछ अध्यादेशों का विरोध करेगी। इन अध्यादेशों में दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन संबंधी अध्यादेश और पीएम केयर्स कोष में अनुदान पर आयकर में शत प्रतिशत की कटौती से संबंधित अध्यादेश शामिल हैं। सत्र में हालांकि, कांग्रेस कोरोना को देखते हुए सांसदों के वेतन में कटौती का तो समर्थन करेगी लेकिन सांसद निधि के निलंबन से जुड़े अध्यादेश का विरोध करेगी।