राजस्थान में सियासी साजिश का खेल खुल्लमखुल्ला शुरू हो चुका है। शुक्रवार को विधायकों की खरीद-फरोख्त करके कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश को लेकर केस दर्ज भाजपा नेता को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है।
सीएम गहलोत ने कहा, ‘हमें कोरोना वायरस से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हम वही कर रहे हैं , लेकिन भाजपा हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में हैं। ऐसा अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय पर नहीं था।
2014 के बाद धर्म के आधार पर विभाजन करने में गर्व किया जाने लगा है। गहलोत ने कहा, ‘कोरोना संक्रमण के संकट के इस दौर में भाजपा के नेताओं ने मानवता और इंसानियत को ताक पर रख दिया है। ये लोग सरकार गिराने में लगे हैं। भाजपा नेता सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार तोड़-फोड़ करें …खरीद फरोख्त के काम में लगे हैं।’
गहलोत ने इस बारे में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम लेते हुए कहा कि सरकार को गिराने के लिए ये लोग अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर जिस तरह का खेल खेल रहे हैं, वे तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव से पहले हर विधायक को 25-25 करोड़ रुपये ऑफर दिया गया था।
हालांकि उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी और पूरे पांच साल चलेगी। गहलोत ने कहा हमने तो अगला चुनाव जीतने की तैयारी भी शुरू कर दी है, इसी हिसाब से बजट पेश किया गया और इसी के अनुरूप सता चलाई जा रही है।
आरोप आधारहीन हैं : सतीश पूनिया
गहलोत के आरोप पर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक चालाक राजनीतिज्ञ हैं, वे अपनी सरकार की विफलता के लिए भाजपा को दोष देने का प्रयास कर रहे हैं। उनके आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। उनके पास संख्याबल है, उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कौन करेगा।