राजस्थान, जहां अभी तक कांग्रेस और पायलट गुट के विधायक अलग-अलग जगह होटलों में रह रहे थे, अब भाजपा ने भी टूट के डर से अपने 12 विधायकों को गुजरात के अमदाबाद भेज दिया है। इससे 14 अगस्त को शुरू होने वाला राजस्थान विधानसभा का सत्र दिलचस्प हो गया है। उधर राजस्थान में कांग्रेस में विलय करने वाले बसपा के 6 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है। इस मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में 11 अगस्त को मामले की सुनवाई होनी है।
नए सियासी मोड़ में राजस्थान भाजपा ने भी अपने विधायकों को ‘बचाने’ की कवायद शुरू कर दी है। पार्टी के 12 विधायकों को गुजरात भेज दिया गया है। ये विधायक चार्टड प्लेन से जयपुर से उड़कर गुजरात के अमदाबाद स्थित पोरबंदर एयरपोर्ट पर उतरे हैं। कहा गया है कि उन्हें सासण, सोमनाथ या फिर जूनागढ़ में रोका जाएगा।
कहा यह गया है कि भाजपा के यह 12 विधायक सोमनाथ दर्शन के लिए जा रहे हैं। वहां उन्हें एक गेस्टहाउस में ठहराने की व्यवस्था की गयी है। विधायक 14 अगस्त को राजस्थान विधानसभा के सत्र शुरू होने से पहले जयपुर लौटेंगे, ऐसा कहा जा रहा है।
बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर हाईकोर्ट का फैसला 11 अगस्त को आ सकता है। ऐसे में भाजपा अपनी तैयारी कर रही है।
चर्चा है कि भाजपा को अपने विधायकों के टूटने की आशंका थी क्योंकि उसके पास ऐसी सूचना आई थी कि यह विधायक कथित तौर पर कांग्रेस के ‘संपर्क’ में हैं।
उधर राजस्थान के वो 6 बसपा विधायक, जिन्होंने पिछले साल के आखिर में कांग्रेस में विलय कर लिया था, ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की गुहार लगाई है।
याद रहे राजस्थान हाईकोर्ट में 11 अगस्त को मामले की सुनवाई होनी है। बसपा और भाजपा विधायक मदन दिलावर ने उनके विलय को चुनौती देते हुए याचिका दायर की हुई है। उन्होंने याचिका में इस विलय को असंवैधानिक बताया है। इससे पहले बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय प्रकरण में हाईकोर्ट से दोनों याचिकाओं के निस्तारण के आदेश दिए थे। साथ ही एकलपीठ को स्टे एप्लीकेशन के निस्तारण के आदेश दिए थे। कोर्ट ने सभी 6 बसपा विधायकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे।