देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह स्टेज टू से स्टेज थ्री की ओर अग्रसर है। अगर ऐसी स्थिति आती है तो यह भयावह हो सकती है। लेकिन इसके लिए सजगता और सतर्कता ही बचा सकती है। पीएम मोदी के रविवार को 14 घंटे के जनता कर्फ्यू के आह्वान से पहले ही राजधानी नई दिल्ली समेत देशभर के तमाम बड़े शहरों में शनिवार से ही सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और हवाई अड्डों पर भी खास भीड़ नजर नहीं आ रही है। रविवार को तो पूरे देश में लॉक डाउन होने वाला है। लोग अभी से घरों में कैद होने लगे हैं। रविवार को देशभर में 3,700 ट्रेनें नहीं चलेंगी, इसके अलावा प्रमुख निजी कंपनी की एयरलाइंस इंडिगो और गोएयर ने भी रविवार को अपनी सभी घरेलू उड़ानें रद्द करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली में शनिवार से ही प्रमुख बाजारों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सभी सरकारों और निजी संस्थाओं ने व संगठनों ने समर्थन देने का फैसला लिया है। शनिवार और रविवार की रात 10 बजे से देश के किसी भी स्टेशन से कोई पैसेंजर या एक्सप्रेस ट्रेन नहीं मिलेगी। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और सिकंदराबाद में उपनगरीय रेल सेवाओं में भी बड़ी कटौती होगी और उतनी ही ट्रेनें चलाई जाएंगी जितनी बेहद जरूरी हों।
जानकारों का मानना है कि रविवार को जनता कर्फ्यू के जरिये सरकार यह देखना चाहती है कि कोरोना का असर बढऩे पर लॉकडाउन की स्थिति के लिए देश कितना तैयार है। अब जब रेलवे ने इतना बड़ा ऐलान कर दिया है तो ऐसी अटकलों को और बल मिलने लगा है।