बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में टूटफूट से उसे झटका लगा है। पहले पार्टी के ५ विधान पार्षद (एमएलसी) ने पाला बदल लिया और अब पार्टी के दिग्गज नेता और अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है। रघुवंश फिलहाल कोरोना से पीड़ित हैं और ”एम्स” पटना में भर्ती हैं।
फिलहाल आरजेडी ने अपने इस वरिष्ठ नेता का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। लेकिन यदि वे अपने इस्तीफे पर अड़े रहते हैं तो पार्टी के लिए समस्या बन सकते हैं।
यह माना जा रहा है कि वह एक ज़माने में लालू प्रसाद यादव के विरोधी रामा सिंह की राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात और उनके राजद में शामिल होने की अटकलों के बीच रघुवंश प्रसाद ने यह कदम उठाया है।
राजद के लिए रघुवंश की नाराजगी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मंगलवार सुबह पार्टी के पांच विधान परिषद् सदस्य दिलीप राय, राधा चरण सेठ, संजय प्रसाद ,कमरे आलम और रणविजय सिंह नीतीश कुमार की जदयू में शामिल हो गए। विधान परिषद अध्यक्ष ने राजद से आए जदयू के सभी सदस्यों को मान्यता देने में देरी नहीं की।
जिन रामा सिंह के राजद में आने की चर्चा से रघुवंश खफा हैं, उनकी पार्टी नेता ने तेजस्वी यादव से मुलाकात हुई थी। रामा सिंह के साथ सवर्ण समाज के कुछ और नेताओं के पार्टी में आने की चर्चा है। एक जमाना था जब रामा सिंह लालू यादव ही नहीं, रघुवंश प्रसाद सिंह के भी कट्टर विरोधी थे और लगता है तल्खियां अभी ज़िंदा हैं। यह सारा घटनाक्रम तब हुआ है जब बिहार विधान परिषद की नौ सीटों के लिए जदयू, भाजपा, राजद और कांग्रेस में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।