हर साल की तरहा इस साल भी विश्व हार्ट दिवस के अवसर पर हार्ट रोग विशेषज्ञों ने कहा कि हार्ट रोग अब जागरूकता के अभाव में बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। एम्स के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ राकेश यादव का कहना है कि खान-पान में अनियमितता और तलीय पदार्थों के अत्याधिक सेवन से हार्ट रोग के मामलें बढ़ रहे है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है। कि तामाम शोधों से ये जानकारी हासिल हो रही है कि मानसिक तनाव और मोटापा की चपेट में आने से युवाओं को हार्ट रोग की शिकायतें तेजी से बढ़ी है।
डाँ विवेका का कहना है कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्राल के कारण हार्ट रोग की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि जिन को सीनें में दर्द के साथ बैचेनी हो और वायें हाथ में दर्द हो तो उसे नजर अंदाज ना करें। मैक्स अस्पताल के हार्ट ट्रांस प्लांट विशेषज्ञ डाँ केवल किशन का कहना है कि चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही तरक्की का लाभ मरीजों को मिल रहा है। डाँ केवल ने कहा कि जो रोगी हार्ट ट्रांसप्लांट करवा चुके रोगी भी पूरी तरह से स्वस्थ्य है। डाँ केवल किशन ने बताया कि अभी तक उन्होंने जितने भी हार्ट रोगियों के हार्ट ट्रांसप्लांट किये वे सामान्य जीवन व स्वस्थ्य जीवन यापन कर रहे है।उन्होंने बताया कि जिन रोगियों के हार्ट कमजोर है। उनको समय रहते इलाज करवाना बहुत जरूरी है।
इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ आर एन कालरा ने बताया कि भागमदौड़ व तनाव भरी जिन्दगी के कारण युवाओं में हार्ट रोग जैसी बीमारी पनप रही है। उनका कहना है कि अगर अचानक घबराहट के साथ पसीना आता हो तो उसे नजरअंदाज ना करें। गले में वाये हाथ में दर्द के साथ बैचेनी को नजर अंदाज ना करें। ये हार्ट रोग के लक्षण हो सकतें है।