पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए मंगलवार को सदन में एक साथ एक प्रस्ताव और तीन बिल पेश किए गए। दिलचस्प यह रहा कि सीएम से नाराज चल रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी मोदी सरकार के कृषि कानूनों की जमकर आलोचना की और कहा कि केंद्र के नए कानून मंडियों को बर्बाद कर देंगे।
सदन में अब आज केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को पंजाब में निष्प्रभावी करने के लिए चर्चा चल रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आपातकालीन सत्र में बिल लाने में देरी हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। वह इस संबंध में केंद्र को तीन पत्र भी लिख चुके हैं।
अमरिंदर ने साथ ही केंद्र के कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए एक साथ एक प्रस्ताव और तीन बिल पेश किए गए। स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा कि विधानसभा केंद्र के कानून पर गहरा खेद व्यक्त करती है। विधानसभा ने पहले भी इनके खिलाफ प्रस्ताव पास किया था, पर फिर भी केंद्र सरकार ने कानून पारित कर दिए। केंद्र ने व्यापारियों के लिए ये कानून बनाए हैं न कि खेती या किसानों के लिए।
सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया हैं। कहा कि पंजाब ने ने देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया है। अब उन्हीं किसानों को बर्बाद किया जा रहा है। क्या यह इंसाफ है।
दिलचस्प यह रहा कि पिछले दिनों जिन नवोट सिंह सिद्धू की भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, उन्होंने विधानसभा में जोरदार तरीके से मोदी सरकार के कृषि कानूनों की आलोचना की। सिद्धू ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा – ‘केंद्र के नए कानून मंडियों को बर्बाद कर देंगे। जहां फ्री मंडियां हैं वहां के किसानों की हालत क्या है। जो केंद्र सरकार जीएसटी का पैसा नहीं दे रही, वह किसानों को उनके खाते में पैसे डाल देगी ? जो किसानों के साथ खड़ा होगा वही केंद्र में सरकार बनाएगा’।
विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा सत्र की दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बिल की कॉपी न मिलने पर नाराजगी जताई। आप विधायकों ने पूरी रात विधानसभा परिसर में ही गुजारी। विपक्ष के नेता ने कहा कि आखिर कैप्टन अमरिंदर सिंह किस बात से इतना डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बिल की कॉपी विधायकों को एडवांस में नहीं मिल जाती तब तक वह उसकी तैयारी कैसे कर सकेंगे।
सत्र के पहले दिन जमकर हंगामा हुआ। पंजाब सरकार की ओर से लाए जा रहे बिल की कापी नहीं मिलने के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने सदन में रात तक धरना दिया। रात को उनसे सदन खाली करवा लिया गया जिसके बाद वे लाबी में धरने पर बैठ गए।
उधर शिअद विधायकों ने पंजाब भवन में जाने की मंजूरी न देने पर गेट के बाहर ही धरना लगा दिया। इस कारण पंजाब भवन में किसान नेताओं से बातचीत करने आए तीन कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया लगभग बंधक बन गए। रास्ता नहीं मिलने पर वे पार्किंग क्षेत्र में से कंटीली तार हटवा कर बाहर निकले। विधानसभा सत्र से पहले आप और शिअद विधायकों ने केंद्र सरकार के नए तीन कृषि कानूनों की प्रतियां अलग-अलग जलाईं। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू समेत दिवंगत को श्रद्धांजलि दी गई।