‘मुझे यकीन है कि मैं हार चुका हूं’, ये दिल को छू लेने वाले शब्द दुनिया के महान कलाकार इरफान खान ने 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर कैंसर से इलाज के दौरान कहे थे। उनकी रग-रग में एक्टिंग का खून दौड़ रहा था। आंखों से अदायगी करने वाले शायद वे इकलौते कलाकार थे। उनका यूं असमय महज 54 की उम्र में चले जाना हर एक्टिंग प्रेमी को अखर रहा है।
अभी चार दिन पहले ही इरफान साहब की मां सईदा बेगम का इंतकाल जयपुर में हो गया था। लाॅकडाउन के चलते बेटा इरफान मुंबई में रहते हुए पवित्र रमजान में मां के जनाजे को कांधा नहीं दे सका था। शायद मां से जन्नत में उनको मिलने की जल्दी थी, इसलिए वीडियो काॅल के जरिये ही नेकदिल इंसान ने उनको सुपुर्द-ए-खाक किया था। इससे अलग फिल्म हिंदी मीडियम की सफलता के बाद इरफान साहब ने कहा था-अभी तो कई आसमान छूने हैं।
बाॅलीवुड में वैसे तो कई दिग्गज खान हैं, पर इरफान का जवाब नहीं। इनकी अपनी अलग पहचान थी। फिल्मी इतिहास में उनका मुकाम ताकयामत कायम रहने वाला है। हासिल, पान सिंह तोमर, मकबूल, हिंदी मीडियम, पीकू, लंच बाॅक्स जैसी लंबी सूची है फिल्मों की, जिसमें उन्होंने अपने किरदार को जिंदा करते हुए एक्टिंग का लोहा मनवाया। 2011 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया था।
‘पान सिंह तोमर’ के इंतकाल की खबर मिलते ही सोशल मीडिया में आरआईपी इरफान की खबरों की मानो सुनामी आ गई। हर कलाकार प्रेमी गमगीन होकर उनको अपने अंदाज में याद कर रहा है, साथ ही उनके बोले डायलाॅग भी शेयर किये जा रहे हैं। मसलन- कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊंगा, मैं तो दरिया हूं समंदर में उतर जाऊंगा।
फिल्म पान सिंह तोमर का उनका यह डायलाॅग हमेशा याद किया जाएगा-बीहड़ में तो बागी, डकैत पार्लियामेंट में रहते हैं। इसके अलावा ‘शराफत की दुनिया का किस्सा ही खतम, अब जैसी दुनिया वैसे हम।’ एक और उनकी जुबां से बोला गया डायलाॅग- ‘एक बात सुन लेओ पण्डित, तुमसे गोली-वोली न चल्लई, मंतर फूंक के मार देओ स्साले।’
सोशल मीडिया में अपने चहेते कलाकार को कुछ यूं याद किया। पत्रकार शकील अख्तर लिखते हैं-कुछ एक्टर ऐसे होते हैं कि लगते हैं बड़े बदमाश हैं। चरित्र में इतना घुसकर एक्टिंग करते हैं कि लगता है कि हिलाकर रख देंगे। इन्हें न देखना ही अच्छा है। अनुराग वत्स ने लिखा-तुम्हारा लंच बाॅक्स मिस करूंगा।
अरमान आसिफ इकबाल लिखते हैं-‘वह इंतजार चला गया। ऐसा लग रहा है कोई अपना चला गया। एक पिक्चर खत्म होती थी तो दूसरी फिल्म का इंतजार रहता था। सोचते थे अगली बार क्या नया लाने वाले हैं।’ एक अन्य कलाकार प्रेमी लिखते हैं-भरोसा नहीं हो पा रहा…इरफान।
एन राम ने फेसबुक में लिखा-‘बाॅलीवुड ने अपना सबसे कीमती हीरा खो दिया। उनके कद का अभिनेता नहीं देखा। उन्होंने बताया कि शारीरिक भाव-भंगिमाओं से भी अभिनय किया जा सकता है।’ जेब अख्तर ने लिखा-‘बंदा चला गया, जिद्दी था, खुद को मनवाकर ही गया।’