आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति मिलने के बाद से देश भर के एलोपैथ डाक्टरों में सरकार के इस फैसले से रोष है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के तत्वावधान में आज डाक्टर्स सुबह 6 बजे से ओपीडी सेवायें बंद कर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। प्रदर्शन कारी डाक्टरों का कहना है, कि सरकार आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति दे दी है। सरकार मिश्रितपैथी को जन्म दे रही है। इससे चिकित्सा के क्षेत्र में खतरा पैदा हो जायेगा।
आईएमए के अध्यक्ष डाँ राजन शर्मा व डीएमसी के उपाध्यक्ष डाँ नरेश चावला ने तहलका संवाददाता को बताया कि कोरोनाकाल चल रहा है। कोरोना रोगियों किसी भी प्रकार की परेशानी हो उसके लिये कोविड-19 से जुड़ी सेवायें सुचारू रहेगी। लेकिन सामान्य रोगियों के लिये सरकारी और निजी सेवायें वाधित रखी है।डाँ नरेश चावला का कहना है कि एलोपैथ ,आयुर्वेद और होम्योपैथ चिकित्सा प्रणाली में इलाज करने और पढ़ने में जमीन –आसमान का अंतर है। ऐसे में एलोपैथ की तरह अन्य पैथियों के पढ़े छात्र और डाँक्टर्स कैसे इलाज कर सकते है।ईएनटी रोग विशेषज्ञ डाँ महेन्द्र तनेजा का कहना है कि सरकार ने तामाम पहलुओं को समझें बिना ही मिश्रितपैथी को बढ़ावा दे रही है। इससे डाँक्टरों को रोगियों का इलाज करने में दिक्कत होगी और रोगी को कराने में, उनका कहना है कि सरकार को इस मामले पुनः विचार करने की आवश्यकता है।