दिल्ली में अब लोग बिना मुंह में मास्क के अपने घर से बाहर आ जा सकते है। मेट्रो, बस और बाजारों में लोग आज बिना मास्क के घूमते देखे गये है। मास्क को लेकर लगी पाबंदी हटने से लोगों ने राहत की सांस ली है।
लोगों का कहना है कि ज्यादातर लोग मास्क कोरोना के संक्रमण से बचाव के कारण नहीं लगाते थे। बल्कि चालान न कट जाये, इस लिये मुंह में मास्क लगा कर चलते थे। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 31 मार्च को अधिकारियों के साथ बैठक कर ये निर्णय लिया है कि 1 अप्रैल से मास्क जरूरी है। क्योंकि दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना के मामले हर रोज कम आ रहे है।
इसी के मद्देनजर मास्क लगाने जैसी पाबंदियों को हटाया गया है। वहीं मास्क को हटाये जाने का दिल्ली के लोगों ने स्वागत किया है वहीं दिल्ली के डॉक्टरों ने कहा कि अभी कोरोना जब पूरी तरह से गया नहीं है। तो कोरोना गाइडलाइन का पालन होना चाहिए और मास्क को लगाना चाहिये। हाँ इतना जरूर होना चाहिये कि मास्क के नाम पर चालान नहीं काटना चाहिये।
एम्स के डॉ आलोक कुमार का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण से लोग बेहाल है ऐसे में उनको मास्क तमाम तरह की बीमारियों से बचाता है और साथ धूल के कणों से बाजार वालों का कहना है कि मास्क के नाम पर पुलिस वालों ने जमकर लोगों को परेशान किया है और चालान भी काटे है। चांदनी चौक के व्यापारी रघुनंदन का कहना है कि कोरोना के नाम पर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिये। न की लोगों को परेशान करना चाहिये।
उन्होंने बताया कि मास्क के नाम पर सरकार ने जनता को गुमराह किया है क्योंकि जब कोरोना पीक पर था तब शराब की दुकान पर बिना मास्क के लोग शराब खरीदते देखे जाते थे। तब न उन्हें पुलिस परेशान करती थी लेकिन सीधे-सादे लोगों को पुलिस ने परेशान किया है। फिलहाल दिल्ली में लोगों ने मास्क हटाया जाने का स्वागत किया है। क्योंकि मास्क न होने पर चालान का डर नहीं है।