केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि दिल्ली की शासन व्यवस्था से जुड़ा विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश होगा। केंद्र सरकार अध्यादेश लायी है अब उसे मंजूरी दिलाने के लिए विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।
दिल्ली में सेवाओं पर अधिकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्यपाल सरकार की सलाह से ही फैसले ले सकते हैं किंतु केंद्र सरकार अध्यादेश ले लाई।
इस विधेयक को 26 दलों वाले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का समर्थन प्राप्त हैं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई राज्यों का दौरा कर इस बिल के विरोध में जेडीयू, आरजेडी और एनसीपी दलों का समर्थन जुटाया हैं।
वहीं दूसरी तरफ एनडीए ने भी 30 दलों को साथ लेकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। भले ही भाजपा राज्यसभा में 93 सीटें लेकर बहुमत से दूर है। लेकिन एनडीए की सभी सीटें मिलाकर आंकड़ा 111 का हैं। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी जैसे दल यदि उसके साथ आते हैं तो फिर बिल के पास होने की पूरी संभावना हैं।