महाराष्ट्र में घनघोर बारिश का कहर जारी है। कोंकण इलाके के रत्नागिरी डिस्ट्रिक्ट में चिपलूण के तिवरे बांध के बह जाने से लगभग 22 लोगों के लापता होने की खबर है अभी तक 6 लोगों के शव बरामद हुए हैं। भले ही अतिवृष्टि की वजह से बांध टूटा हो लेकिन इन मौतों के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है क्योंकि वर्षा के कारण बांध में हो रहे रिसाव की जानकारी गांव वालों ने स्थानीय प्रशासन को दे दी थी। 20000 क्यूबिक मीटर पानी की क्षमता वाले इस बांध का निर्माण 19 साल पहले 2000 में हुआ था और पिछले 2 सालों से इस बांध से पानी रिस रहा था।
अब राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि बांध में आ रहे दरारों की शिकायत गांव वालों ने संबंधित महकमे में को दे दी थी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं इस मामले की जांच एसआईटी टीम करेगी।
यह घटना मंगलवार 2 जुलाई की रात 9:30 बजे के करीब की है। इस इलाके में तेज वर्षा के चलते तिवरे,आकले,भेंडेवाड़ी,दादर,कादवड, गानेखड़ेपोली और नांदिवसे गांव में पानीीीी भर गया था। गिरीश महाजन के अनुसार फिलहाल रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है।स्थानीय प्रशासन, पुलिस और वॉलेंटियर्स के अलावा एनडीआरएफ टीम भी बचाव और राहत कार्य में लगी हुई है।
उन्होंने बताया कि बांध का पानी बह चुका है व आस-पास के गांव में कोई खतरा नहीं है। उन्हें सुरक्षित स्थानों में पहुंचा दिया गया है। बांध के बह जाने से सबसे ज्यादा नुकसान बांध के नजदीकी पहले गांव को ही हुआ। गांव के कई घर बह गए 24 लोगों के लापता होने की जानकारी है 6 लोगों के शव मिल गए हैं।महाजन ने जानकारी दी कि वह और मुख्यमंत्री रात से रत्नागिरी रत्नागिरी के कलेक्टर के संपर्क में है और घटनास्थल पर पहुंचने वाले हैं।
मूसलाधार बारिश के चलते देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और आसपास के इलाकों में अलग-अलग दुर्घटनाओं में लगभग 22 लोगों ने अपनी जिंदगी खो दी है। बारिश से संबंधित घटनाओं ने शेष महाराष्ट्र में लगभग 14 लोगों की जिंदगी लील ली है पिछले 24 घंटों में। मूसलाधार वर्षा की चेतावनी के चलते मंगलवार को राज्य में पब्लिक होलीडे डिक्लेयर्ड कर दिया गया था। मुख्यमंत्री फडणवीस ने लोगों से गुजारिश की थी कि जब तक कोई बहुत जरूरी काम न हो नागरिक घर से बाहर निकलने से बचें।