महाविकास आघाड़ी सरकार पर अहंकारी होने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन की पूर्व संध्या पर विपक्ष ने चाय पान का बहिष्कार किया। सोमवार 13 दिसंबर से दो दिवसीय शीतकालीन अधिवेशन की शुरुआत हो रही है।
नेता प्रतिपक्ष, देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार पर चर्चा से घबराने ,दूर भागने और तुगलकी फैसले लेने का आरोप लगाया। फडणवीस का कहना था कि शीतकालीन सत्र कम से कम दो सप्ताह का होना चाहिए था लेकिन सरकार ने सिर्फ दो दिन के अधिवेशन आयोजित किया है। सरकार किसानों, गरीबों, महिलाओं की समस्याओं पर संवाद नहीं करती है। इसलिए हमने सरकार के चाय पान का बहिष्कार किया है।
फडणवीस ने कहा कि राज्य में अघोषित आपातकाल जैसा माहौल है। आप सरकार के खिलाफ बोलेंगे तो आप को जेल में डाल दिया जाएगा या फिर किसी मामले में फंसा दिया जाएगा। अरनब गोस्वामी और कंगना के मामले में सरकार को करारा जवाब मिला है। अरनब गोस्वामी और कंगना से हम भले ही सहमत न हो लेकिन उनके साथ जिस तरह से व्यवहार किया गया वह गलत है। दोनों मामलों में अदालत के फैसले के बावजूद सरकार सरकार सुधरने के बजाय सत्ता का अहंकार दिखा रही ऐसी अहंकारी सरकार दुनिया में कहीं भी नहीं चलती है।
नेताप्रतिपक्ष ने कहा, ‘हम इस अहंकार का सही जवाब देंगे। हम किसी भी संघर्ष के लिए पीछे नहीं हटेंगे। हम लोगों के लिए लोगों और सरकार के सवालों के जवाब देंगे। यह सरकार घमंडी है, इस सरकार का फैसला तुगलकी है।
फडणवीस ने यह भी कहा है कि भले ही अधिवेशन दो दिनों का है और सरकार ने हमें समय कम दिया है बावजूद इसके हम सरकार से जो भी समय मिलेगा उसमें जवाब मांगेंगे।
‘सरकार में जनता की समस्याओं के समाधान के प्रति आत्मीयता नहीं नजरआती। सरकार में शामिल तीनों पार्टियों का व्यवहार अशोभनीय है और सरकार में कोई निर्णय लेने की क्षमता नहीं है।’ फडणवीस का कहना था।
फडणवीस ने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों के साथ छलावा किया है। आपदा के कारण विदर्भ के कुछ इलाकों में हुए फसलों के नुकसान के लिए किसानों की कोई मदद नहीं की गयी। जहां पर पैसे दिए गए हैं वहां बहुत कम मदद दी गयी है। जिसके चलते किसानों में भारी आक्रोश है।
‘देश में सबसे अधिक महाराष्ट्र में लगभग 48 हजार लोगों की कोरोना से मौत हुई है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार विफल रही है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार और मनपा में भ्रष्टाचार हुआ है।’ करोना के बाबत फडणवीस का आरोप था।
मराठा आरक्षण पर फडणवीस ने कहा कि सरकार की ढुलमुल नीति के कारण सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगायी है। अधिवेशन में सरकार को मराठा और ओबीसी आरक्षण पर अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए।
महिला सुरक्षा के बारे में फडणवीस ने राज्य सरकार को फेल बतायाऔर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लचर है। ‘अब सरकार महिला अत्याचार से जुड़ा विधेयक सत्र में पेश करने वाली है। हम अपेक्षा करते हैं कि इस विधेयक पर चर्चा के लिए सरकार पर्याप्त समय देगी।’, उन्होंने कहा।
लॉकडाउन में बढ़े बिजली बिलों में उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए सदन में आवाज उठाने की बात फडणवीस ने कही।
फडणवीस ने कहा,’ हम विधानमंडल के कामकाज सलाहकार समति की बैठक में भी चाह रहे थे कि शीतकालीन सत्र नागपुर में आयोजित हो लेकिन सरकार ने कोरोना का कारण बता दिया। हमने बजट अधिवेशन नागपुर में आयोजित करने की मांग की। उसके लिए भी सरकार तैयार नहीं हुई।’