भाजपा ने दावा किया है कि उसने महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत चुनाव में 1079 में से 397 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस चुनाव में कांग्रेस ने दूसरी नंबर पर रहते हुए 134, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 110, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 128 और बाळासाहेबांची शिवसेना ने 114 सीटें जीती हैं। ग्राम पंचायत चुनाव में 300 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते हैं।
यह चुनाव रविवार को हुए थे। इनके नतीजों की घोषणा सोमवार देर शाम की गयी। भाजपा की प्रदेश इकाई के सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि पार्टी ने 397 सीट जीतकर ग्राम पंचायत चुनावों में पहला स्थान हासिल किया है। इस तरह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली बाळासाहेबांची शिवसेना के साथ उसके गठबंधन का साझा आंकड़ा 478 रहा है।
भाजपा 235 गांवों में सरपंच या ग्राम प्रधान का पद जीतने में सफल रही है जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही जिसने 134 सीटें जीतें। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 110, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 128 और बाळासाहेबांची शिवसेना ने 114 सीटें जीती हैं। इस तरह विपक्षी कांग्रेस-उद्धव शिवसेना-एएसपी ने मिलाकर 372 सीटें जीती हैं।
इन चुनावों में 300 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। कांग्रेस, दोनों शिवसेना और भाजपा सभी ने दावा किया है कि इनमें से अधिकतर उनके समर्थक हैं। कांग्रेस उम्मीदवार मुक्ता कोकर्डे नागपुर जिला परिषद की अध्यक्ष और कुंडा राउत उपाध्यक्ष चुने गए हैं। इनका चुनाव जिला परिषद सदस्यों की विशेष आम सभा की बैठक में किया गया। जिला परिषद की प्रभावी ताकत 57 है।
बता दें नागपुर जिले में पंचायत समिति के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के चुनाव के परिणामों में कांग्रेस का दबदबा रहा। नागपुर कांग्रेस (ग्रामीण) के अध्यक्ष राजेंद्र मुलक ने पत्रकारों से इसे एक ऐतिहासिक जीत बताया और दावा किया कि भाजपा जमीन खो रही है। उधर वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) की संगीता अधाऊ और सुनील फातकर को सोमवार को अकोला जिला परिषद का क्रमश: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुना गया।
उधर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मतदाताओं ने बाळासाहेबांची शिवसेना के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा – ‘हमने (उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग होने का) जो कदम उठाया, वह सही साबित हुआ है।’