चीन के दो हफ्ते पहले अड़ंगे के बाद अब एक बार फिर पाकिस्तान में छिपे आतंकी सरगना मसूद अज़हर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक मसौदा प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद को प्रतिबंधित करने की बात की गई है।
गौरतलब है कि वीटो के अधिकार का इस्तेमाल हफ्ते पहले चीन ने मसूद को बचाने के लिए पहले पेश किये गए ऐसे ही एक प्रस्ताव में अड़ंगा लगा दिया था। इस कदम के बाद अमेरिका के संयुक्त राष्ट्र में चीन के साथ टकराव की स्थिति बन सकती है।
संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में यह प्रयास अटक जाने के बाद अमेरिका अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को लेकर सीधे सुरक्षा परिषद पहुंच गया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि चीन अपने यहां लाखों मुसलमानों का उत्पीड़न करता है लेकिन हिंसक इस्लामी आतंकवादी समूहों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से ”बचाता” है। एक तरह से ऐसा कहकर पोम्पियो ने चीन के उस कदम की ओर इशारा किया था जब उसने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सरगना हाफिज सईद को “वैश्विक आतंकवादी” घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में अड़ंगा डाल दिया था।
पोम्पिओ ने बुधवार को मसूद अजहर का नाम लिये बिना ट्वीट किया – ”दुनिया मुसलमानों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती। एक ओर चीन अपने यहां लाखों मुसलमानों पर अत्याचार करता है, वहीं दूसरी ओर वह हिंसक इस्लामी आतंकवादी समूहों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बचाता है।”
मसूद का मामला फरवरी में पुलवामा हमले के बाद ज्यादा गरमाया है और उसपर पावंदी की तलवार लटकने लगी है। भले की कोशिश कर रहा है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस मामले में भारत के साथ दिख रहा है।