केंद्र सरकार ने पीएम मोदी की घोषित पैकेज की पांचवीं किश्त को लेकर रविवार को विस्तार से बताया। इसके मुताबिक गरीब, स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस की बात करते हुए मनरेगा के लिए ४० हजार करोड़ आवंटन की घोषणा की गयी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने साझी प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज (पीएसई) के सभी क्षेत्रों को निजी सेक्टर के लिए भी खोल दिया जाएगा। भारत सरकार अब एक नई नीति की घोषणा करेगी जो मोटे तौर पर स्ट्रेटेजिक सेक्टर और अन्य को बांटेगी। स्ट्रेटेजिक सेक्टर जिसमें पीएसई मौजूद रहेंगी, उसकी अधिसूचना जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिन सेक्टर में पीएसई की अधिसूचना दी जाएगी, उनमें कम से कम एक और ज्यादा से ज्यादा चार पीएसई होंगी। निजी क्षेत्र को भी इसमें अपनी भूमिका निभाने की अनुमति मिलेगी। यदि किसी अधिसूचित स्ट्रेटेजिक सेक्टर में चार से अधिक पीएसई हैं तो उनका विलय कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों की तरह राजस्व में भारी गिरावट का सामना करने के बाद भी केंद्र राज्यों की लगातार मदद कर रहा है। अप्रैल के पहले हफ्ते में एसडीआरएफ के लिए अग्रिम ११,०९२ करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया। कोविड-१९ से मुकाबले के लिए जारी गतिविधियों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने ४११३ करोड़ रिलीज किए हैं।
उन्होंने कहा कि तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम ई-विद्या कार्यक्रम का डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टीमोड एक्सेस होगा। ये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी कक्षाओं के लिए ई-कॉन्टेंट, क्यूआर कोडेड पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाएगा। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का नाम ”वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म” है। हरेक क्लास के लिए एक चिन्हित चैनल ”वन क्लास वन चैनल” के नाम से होगा जिसे शुरू किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा ”स्वयं प्रभा”, जो एक डायरेक्ट टेलीकास्ट मोड है, इसमें तीन चैनल पहले से ही स्कूली शिक्षा के लिए चिन्हित हैं। अब १२ और चैनलों को इसमें जोड़ा जाएगा। खासकर, ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में इससे बहुत सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जिस तरह सरफेसी और डीआरटी क़ानून में पहले रिकवरी के प्रयास किए जाते थे, इंसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड २०१६ आने के बाद दोगुनी से ज्यादा रिकवरी हुई है। करीब २२१ मामलों में ४४ फीसदी रिकवरी हुई है, एडमिटेड क्लेम ४.१३ लाख हैं और वसूली योग्य रकम १.८४ लाख करोड़ है।