प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया)’ गठबंधन बुधवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। सूत्रों के अनुसार मणिपुर हिंसा पर विपक्षी गठबंधन संसद में लगातार नियम 267 (विस्तृत) के तहत चर्चा की मांग कर रहा है। किंतु सरकार 176 (अल्पावधि) के तहत चर्चा करना चाहती है। मंगलवार को संसद में मणिपुर पर पीएम मोदी से चर्चा के लिए दबाव बनाने को लेकर कर्इ विकल्पों पर विचार किया गया किंतु अंत में यही फैसला लिया गया कि सरकार को मणिपुर पर चर्चा के लिए विवश करने के लिए यही कारगार रस्ता है।
इस संदर्भ में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि, “संसदीय प्रणाली में सभी विकल्प खुले रहते है और जिन विकल्पों का उल्लेख नियमावली में किया गया है। वो विपक्ष के लिए अवेलेबल रहते है।”
बता दें जहां एक और विपक्ष संसद में मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर लगातार मानसून सत्र के पहले दिन से ही घेर रहा है वहीं दूसरी तरफ भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया)’ की तुलना आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन और अंग्रेजो की ईस्ट इंडिया कंपनी से की है। पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया हैं और पार्टी के तमाम नेताओं के पीएम मोदी के बयान पर पलटवार कर नाराजगी जाहिर की है।
मणिपुर का जिक्र कर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, “पीएम मोदी संसद में आकर मणिपुर हिंसा पर बात करने की बजाए ईस्ट इंडिया कंपनी पर बात करते हैं। इन्हे नॉर्थ ईस्ट पॉलिसी पर नहीं दिख रही, पर ईस्ट इंडिया कंपनी दिख रही है ! इस इंडिया ने ही अंग्रेज़ों की ईस्ट इंडिया कंपनी को हराया था। इस इंडिया ने ही इंडियन मुजाहिद्दीन को भी हराया था आप मणिपुर में हो रही बर्बरता व भयावह हिंसा पर संसद में कब बयान देंगे ? मणिपुर के लोगों के घावों में मरहम लगाकर, वहाँ शान्ति कब बहाल करेंगे ? विपक्ष देश को दिशा दे रहा है। प्रधानमंत्री खुद ही दिशाहीन हो गए हैं।”
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, “आप हमें जो चाहें बुला लें मोदी जी। हम भारत हैं। हम मणिपुर को ठीक करने और हर महिला और बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेंगे। हम उसके सभी लोगों के लिए प्यार और शांति वापस लाएंगे। हम मणिपुर में भारत के विचार का पुनर्निर्माण करेंगे।”
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि, “दुर्भाग्यपूर्ण बात है। ये सरकार की बौखलाहट की निशानी है और राजनीतिक फ्रस्ट्रेशन का उत्कृष्ट मिश्रण है। विपक्ष इंडियन मुजाहिद्दीन नहीं लोकतंत्र के लिए जिंदा शहीद है। यदि इतने बड़े पद पर बैठ कर वे (पीएम मोदी) ऐसी बात कह रहे है तो इससे बड़ी बौखलाहट की निशानी कुछ और नहीं हो सकती।”
आपको बता दें, मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, “मैंने ऐसा दिशाहीन विपक्ष आज तक नहीं देखा। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों के गठबंधन का ‘इंडिया’ नाम रखने पर कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी में भी इंडिया है और इंडियन मुजाहिद्दीन में भी इंडियन है। सिर्फ नाम रख लेने से क्या होता है?”