मणिपुर में तनाव जारी है और स्थिति अभी भी खराब बनी हुई है। इंफाल घाटी में बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बीच हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बावजूद फिलहाल शांति बनी हुई है। इस बीच सीआरपीएफ ने मणिपुर राज्य के अपने कर्मियों और छुट्टी पर अपने गृह राज्य गए कर्मियों को निर्देश दिया कि वे तत्काल परिवार सहित नजदीकी सुरक्षा अड्डे पर रिपोर्ट करें।
पिछले 48 घंटों के दौरान मणिपुर में हुई हिंसा पर काबू पाने और शांति कायम करने के लिए पड़ोसी राज्यों से सड़क और हवाई मार्ग से अधिक बल भेजे गए हैं। एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि कुल 13,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कुछ लोगों को सेना के शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि सेना ने चुराचांदपुर, मोरेह, काकचिंग और कांगपोकपी जिलों को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
मणिपुर सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख को सलाहकार नियुक्त किया है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ का एक कोबरा कमांडो छुट्टी पर था और मणिपुर के चुराचांदपुर में उनके गांव में सशस्त्र हमलावरों ने शुक्रवार दोपहर को उनकी हत्या कर दी।
उधर विभिन्न पहाड़ी जिलों से सुबह के समय उग्रवादी समूहों और सुरक्षाबलों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी की खबरें आ रही हैं, हालांकि शांति की स्थिति बनी हुई है। उधर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और शीर्ष अधिकारियों के साथ मिलकर मणिपुर की स्थिति की समीक्षा की।
केंद्र सरकार ने मणिपुर में हिंसा को देखते हुए सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की और 20 कंपनियों को रवाना किया है। राज्य में हिंसा को देखते हुए मणिपुर जाने वाली ट्रेनें शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। भारतीय वायु सेना के सी17 ग्लोबमास्टर और एएन32 विमानों ने असम की दो हवाई पट्टियों से कई उड़ानें भरकर क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षाबल पहुंचाए हैं।