मणिपुर में दो कुकी महिलाओं से हुई शर्मनाक घटना ने देश भर में रोष भर दिया है। इसका वीडियो अब सामने आया है, हालांकि, यह घटना 4 मई की है। इस घटना में मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना को लेकर पीएम मोदी ने कहा है कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसके दोषियों को कतई नहीं बख्शेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल किया है कि केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?
महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटना के वीडियो दिल दहला देने वाले हैं। घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। मणिपुर में एक भीड़ के दो कुकी महिलाओं को नग्न कर घुमाने के इस वीडियो ने देश भर में गुस्सा भर दिया है। वीडियो में कई पुरुषों को उनके साथ-साथ चलते देखा जा सकता है, जबकि अन्य पुरुष परेशान दिख रही महिलाओं को खेतों में खींच रहे हैं।
महिलाओं पर यह हमला 4 मई को कांगपोकपी जिले में बी फीनोम गांव के पास हुआ था। यह घटना मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के एक दिन बाद की बताई जा रही है। एक पीड़ित महिला के मुताबिक उन्होंने सुना कि मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है, तो उनका परिवार और अन्य लोग गंदगी वाली गली से भाग निकले। लेकिन भीड़ ने उन्हें ढूंढ लिया।
उसने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी और उसके बेटे को थोड़ी दूरी पर ले जाया गया और मार डाला गया। उन्होंने कहा, इसके बाद भीड़ ने महिलाओं पर हमला करना शुरू कर दिया और उनसे हमारे कपड़े उतारने के लिए कहा। उसके बाद उनसे बहुत ही खराब व्यवहार किया गया।
महिलाओं के रिश्तेदारों की तरफ से दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत में कहा गया है कि बाद में उनमें से एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई है।
उनके मुताबिक पहली सूचना रिपोर्ट आमतौर पर उस पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाती है जिसके अधिकार क्षेत्र में कथित अपराध हुआ है, एक शून्य एफआईआर किसी भी पुलिस स्टेशन को शिकायत स्वीकार करने और दर्ज करने की सुविधा देती है और फिर उसे संबंधित स्टेशन को भेज देती है।
मणिपुर की इस घटना पर देश भर में गुस्सा फ़ैल गया है। विपक्ष ने केंद्र सरकार पर मणिपुर की घटनाओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा – ‘केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं ? पीएम की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है’।
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर हिंसा पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा – ‘मणिपुर में जो हुआ है वो बेहद शर्मनाक है। ये पूरे देश को शर्मसार करने जैसा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहना चाहता हूं कि वो मां और बेटी की सुरक्षा के लिए सदैव सजग रहे।’