मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध के चलते मंगलवार को स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी है। मणिपुर को लेकर संसद के भीतर सरकार और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। उधर संजय सिंह के निलंबन के विरोध में आप और विपक्षी सांसद समर्थकों के साथ रात को संसद के बाहर धरने पर बैठे। इस बीच अपनी-अपनी रणनीति बनाने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन इंडिया ने बैठकें की हैं।
इससे पहले संसद के मॉनसून सत्र के तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। सरकार और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। कल राज्यसभा में सभापति के साथ बहस करने और आदेश का पालन नहीं करने पर आप सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद विपक्ष सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया।
विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों के नेता सोमवार को संसद परिसर में धरने पर बैठे और सारी रात यह धरना चला। विपक्ष लगातार मणिपुर विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है।
अब संसद में चौथे दिन मंगलवार को भी मणिपुर मामले पर हंगामे के आसार हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मणिपुर पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया है। इस मामले पर भाजपा ने संसदीय दल की बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें मौजूद रहे।
विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया ने भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चेम्बर में भी बैठक की है। लोकसभा में कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी और गौरव गोगोई ने मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। राज्यसभा में राजीव शुक्ल, राघव चड्ढा, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी समेत कई सांसदों ने मणिपुर पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
उधर निलंबन के बाद मंगलवार को संजय सिंह ने कहा – ‘प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर चुप क्यों हैं? हम केवल संसद में आकर इस पर बोलने की मांग कर रहे हैं। निलंबन पर मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि जगदीप धनखड़ राजनीति से जुड़े व्यक्ति नहीं हैं, उपराष्ट्रपति हैं। संसद में मणिपुर का मुद्दा उठाना हमारी जिम्मेदारी है।’
विपक्ष नियम 267 में लंबी चर्चा चाहता है जबकि सत्ता पक्ष रूल 176 में छोटी चर्चा चाहता है। पिछले 26 साल में 11 बार नियम 267 के तहत चर्चा हो चुकी है। इसमें नोटबंदी, कोयला घोटाला, और धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे शामिल हैं। मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में किसी एक सदन में पेश हो चुके हैं।