एक तो कोरोना का कहर दूसरी ओर डेंगू का प्रकोप वहीं सरकार की लापरवाही के चलते दिल्ली में मच्छरों का आतंक है। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम ये है कि दिल्ली के पिछड़ो इलाकों में ही नहीं बल्कि पाँश इलाकों में भी मच्छरों का कहर लोगों के अंदर डर पैदा कर रहा है कि कहीं मच्छरों के काटने से उन्हें डेंगू जैसी बीमारी न हो जाये।
दिल्ली के वरिष्ठ डाँ पवन शर्मा का कहना है कि इस बार डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा रहा है। कई लोगों की जान भी डेंगू के कारण गयी है। इसलिये सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वे मच्छर मार दवा का छिड़काव करवाये ताकि मच्छर न पनप पाये।
उनका कहना है कि मच्छर के प्रकोप से डेंगू के अलावा मलेरिया जैसी बीमारी बढ़ रही है। मच्छरों के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम को लेकर एनडीएमसी इलाके में रहने वाले राकेश ने बताया कि मच्छरों का आतंक इस कदर है कि कनॉट प्लेस, रफी मार्ग सहित संसद मार्ग में भी मच्छरों के चलते यहां पर लोगों को परेशानी हो रही है।
बतातें चलें, मच्छर मार दवा का छिड़काव व मच्छर विरोधी धुआं का प्रयोग तो होता है। अगर लगातार नियमित तौर पर होता रहे तो निश्चित तौर पर मच्छर नहीं पनप पायेगे। मलेरिया विभाग के पूर्व अधिकारी आर एन तुली ने बताया कि सरकारी सिस्टम इस कदर स्वास्थ्य मामलें में लचर है कि वो तब ही जागता है जब कोई बीमारी भयंकर रूप धारण कर लेती है। इसलिये संबंधित विभाग को समय–समय पर जांच पड़ताल करनी चाहिये। ताकि कोई बीमारी पैर न पसार सकें।