उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत से एक ओर तो भाजपा आलाकमान से लेकर पहली बार चुने गये विधायक गदगद है। चुनाव में जीत का शोर अब उत्तर प्रदेश से ज्यादा दिल्ली में सुनाई दे रहा है। बताते चलें भाजपा के कुछ दिग्गज नेता व मंत्री उत्तर प्रदेश में चुनाव हार गये है। सो प्रदेश सरकार में इस बार उनको मौका मिलने की उम्मीद कम ही है। उनको संगठन का काम मिल सकता है। ऐसे में पहली बार चुने हुए विधायक ये चाहते है अगर उनको कोई मंत्री पद मिल जाये तो ठीक होगा।ऐसे में अब कुछ विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए है। सूत्रों से पता चला है कि आलाकमान के आस-पास अपनी लॉबिंग कर रहे है। उत्तर प्रदेश की राजनीति के जानकार प्रमोद गुप्ता ने बताया कि कुछ भाजपा विधायकों का टिकट दिल्ली से तय हुआ था। सो वे दिल्ली से ही उत्तर प्रदेश सरकार में डायरेक्ट मंत्री का पद चाहते है। जबकि ये भी बात सत्य है कि दिल्ली की मुहर लगे किसी को कोई बड़ा पद सरकार में नहीं मिल सकता है। मौजूदा समय में संगठन का महत्व उत्तर प्रदेश की राजनीति में ज्यादा बढ़ गया है। क्योंकि जब प्रदेश की राजनीति में भाजपा के विरोध में माहौल बन रहा था। भाजपा के प्रत्याशियों के सामने विरोधी दल ये बताने से नहीं थक रहे थें। कि प्रदेश में भाजपा की हालत पतली है। चुनाव के दौरान कुछ भाजपा नेता और उनके परिजन भाजपा को छोड़कर दूसरे दल में जा रहे थे। तब संगठन ने ही जमीनी स्तर पर काम किया जिससे भाजपा को जीत मिली है।इसलिये संगठन की भूमिका मंत्री पद दिलाने में अहम् हो सकती है। पहली बार चुने गये विधायक के साथ जो दूसरी और तीसरी बार विधायक चुने गये है। वे भी अपने लिये मंत्री पद पाने के लिये लाँबिंग करने में लगें है।