मुंबई: भारत बंद के मद्देनजर, मुंबई पुलिस ने मंगलवार को शहर में किसी भी तरह की अप्रिय घटनाओं को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजामात किए हैं।
पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने हर पुलिस स्टेशन को सतर्क रहने और कानून को अपने हाथ में लेने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस पीआरओ एस चैतन्य के अनुसार, शहर के प्रत्येक पुलिस स्टेशन को शहर में दुकानों, व्यवसायों या सार्वजनिक परिवहन को अवरुद्ध करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
राज्य में महाविकास अघाडी सरकार, शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध करने के लिए किसानों की हड़ताल का समर्थन किया है। वहीं, नवी मुंबई और पुणे सहित राज्य की मार्केट कमेटियां, मथाड़ी मजदूरों के समर्थन के कारण बंद हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में स्टेट ट्रांसपोर्ट सेवाओं को एहतातियन बंद रखा गया है। मुंबई में रेलवे, बेस्ट, रिक्शा-टैक्सियां चल रही हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने स्पष्ट किया कि चूंकि यह बंद राजनीतिक नहीं है, इसलिए किसी को भी आम नागरिकों पर बंद लादा नहीं जाना चाहिए। आमतौर पर यह माना जाता है कि यदि शिवसेना बंद पर उतरती है तो शहर अस्तत-व्यस्त हो जाता है और शहर लगभग जाम हो जाता है रुक जाता है लेकिन इस दफा शिवसेना उस मूड में नहीं है।
राजनीति नहीं किसानों की भावनाओं का समर्थन करना है। – राउत
संजय राउत ने महाराष्ट्र में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसान आज सड़कों पर हैं, जिसके लिए न तो शिवसेना, एनसीपी और न ही तृणमूल कांग्रेस ने अपील की है। महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता को समझना चाहिए कि सड़कों पर उतरे किसान को कोई राजनीतिक समर्थन नहीं है। उनके हाथ में कोई राजनीतिक झंडा नहीं है। इसलिए उन्हें इस बारे में सोचना होगा कि हम विपक्ष के नेता के रूप में क्या भूमिका निभा रहे हैं।
‘मुझे पूरे देश से जानकारी मिल रही थी। यहां तक कि जहां भाजपा की सरकार है, बंद को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। क्योंकि बंद राजनीतिक नहीं है, यह भावनाओं का समर्थन करना है।’
चर्चा के माध्यम से इस मुद्दे को हल करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है – सुप्रिया सुले
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि अगर समाज के किसी भी वर्ग में असंतोष है, तो सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे उनसे चर्चा कर इसका समाधान करें। किसान रोटी देने वाला है।
वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे का अनशन शुरू
वहीं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए सांकेतिक उपवास शुरू कर दिया है। अन्ना ने मांग की है कि किसानों को केंद्र और साथ ही राज्य कृषि मूल्य आयोग द्वारा अध्ययन किए गए कृषि वस्तुओं की लागत को देखते हुए कृषि वस्तुओं की कीमतों का उचित मूल्य दिया जाना चाहिए।