बाबा आमटे की पोती और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शीतल आमटे ने सोमवार को खुदकुशी कर ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शीतल ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर में आनंदवन के अपने आवास पर जहरीला इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या की। उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह महारोगी सेवा समिति (कुष्ठ सेवा समिति), वरोरा की सीईओ थीं। शीतल को जनवरी, 2016 में विश्व आर्थिक मंच द्वारा यंग ग्लोबल लीडर चुना गया था।
आमटे परिवार ने एक बयान जारी कर कुष्ठ सेवा समिति पर लगाए गंभीर आरोपों से इनकार किया गया है। उन्होंने सोमवार सुबह अपने ट्विटर हैंडल से वार एंड पीस नामक एक पोस्ट भी की थी। सामाजिक कार्यकर्ता मुरलीधर देवीदास आमटे ने अपनी पूरी जिंदगी जरूरतमंदों, खासकर कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित कर दी थी। वह लोगों के बीच बाबा आमटे के नाम से मशहूर थे। बाबा आमटे 1914 में महाराष्ट्र में एक धनाढ्य परिवार में पैदा हुए थे। उन्हें 1971 में पद्मश्री, 1988 में मानवाधिकार के क्षेत्र में काम के लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार और 1999 में गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनका निधन 9 फरवरी 2008 में आनंदवन में हुआ था।
बताया गया कि शीतल पिछले कुछ दिनों से तनाव में चल रही थीं। महाराष्ट्र टाइम्स के अनुसार, कुछ दिनों पहले उन्होंने आनंदवन के कुष्ठ सेवा समिति में चल रहे कामकाज, ट्रस्टी और कार्यकर्ताओं पर एक फेसबुक लाइव के जरिये गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि कुछ देर बाद ही इसे हटा लिया गया था।