बलात्कार के आरोपों के चलते कठिनाइयों का सामना कर रहे महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पता चला है कि धनंजय मुंडे के खिलाफ आरोप लगाने वाली महिला को मुंबई पुलिस एक-दो दिन में जवाब तलब करेगी। उसके बाद, निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या करना है।
राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे के एक फेसबुक पोस्ट से राज्य में खलबली मच गई । धनंजय मुंडे ने बलात्कार के आरोप के बाद फेसबुक पर पोस्ट किया कि “आरोपी रेनू शर्मा करुणा शर्मा की बहन है। महत्वपूर्ण बात यह है कि करुणा शर्मा के साथ हमारे संबंध अच्छे थे, उनसे हमारे दो बच्चे हैं, हम उनकी परवरिश कर रहे हैं और हमारे परिवार को सब कुछ पता है।”
धनंजय मुंडे के इस फेसबुक पोस्ट के बाद बीजेपी ने उन पर हमला बोला है। बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने उनके इस्तीफे की मांग की। इतना ही नहीं, सोमैया ने सीधे मुख्यमंत्री पर भी हमला किया। किरीट सोमैया ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री बंगले को छिपाते हैं, तो उनके मंत्री अपनी पत्नी को छुपाते हैं।
जैसा कि धनंजय मुंडे पर बलात्कार का सीधा आरोप लगाया गया है, राजनीतिक हलकों का ध्यान अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भूमिका पर केंद्रित है कि वह किस तरह की कार्रवाई करेंगे?
उद्धव ठाकरे का स्वभाव कूल माना जाता रहा है
सवाल यह है कि क्या एक सभ्य और सुसंस्कृत राजनेता के रूप में जाने जाने वाले मुख्यमंत्री अब धनंजय मुंडे के खिलाफ कार्रवाई करेंगे? एक महिला द्वारा सीधे लगाए गए गंभीर आरोप, पुलिस में दर्ज की गई शिकायत मुख्यमंत्री पर नैतिक और कानूनी दबाव बना सकती है। इसलिए, यह देखना महत्वपूर्ण है कि मुख्यमंत्री स्टैंड क्या होगा? मुख्यमंत्री ठाकरेके साथ साथ धनंजय मुंडे की पार्टी एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की प्रतिक्रिया को देखना महत्वपूर्ण है। शरद पवार के शब्दों को न केवल एनसीपी में बल्कि महाविकास आघाडी में भी तवज्जो दी जाती है।अगर शरद पवार सख्त रुख अपनाते हैं, तो मुख्यमंत्री धनंजय मुंडे के मंत्रिपद को भी नहीं बचा पाएंगे। धनंजय मुंडे को पद छोड़ना पड़ सकता है।यदि कोई निर्णय होता है, तो जांच का सामना भी करना होगा।
दरअसल शरद पवार की नाराजगी धनंजय मंडे को लेकर उस वक्त की है जब महा विकास आघाडी सरकार के गठन होने से पहले अजीत पवार ने अलसुबह देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेकर महाराष्ट्र में हलचल मचा दी थी।उस समय एनसीपी के कुछ विधायक अजीत पवार के साथ देखे गए थे। लेकिन सुबह शपथ ग्रहण के बाद एनसीपी के एक और वरिष्ठ नेता धनंजय मुंडे पूरे दिन गायब रहे। माना जाता है कि उस वक्त शरद पवार मुंडे से काफी नाराज थे।
फिलहाल अध्यक्ष शरद पवार ने आज अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। उन्होंने कहा कि मुंडे के खिलाफ आरोप गंभीर थे और वह एक पार्टी के रूप में तत्काल निरणय लेंगे।
धनंजय मुंडे के खिलाफ बलात्कार के आरोप पर शरद पवार ने आज अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि धनंजय मुंडे मुझसे मिले और मुझे उनके खिलाफ लगे आरोपों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उसके कुछ लोगों के साथ करीबी रिश्ते थे। कुछ शिकायतें पुलिस थाने में दर्ज कराई गईं। धनंजय मुंडे ने को अंदेशा था कि इस तरह से कुछ होगा इसलिए उन्होंने हाईकोर्ट से पहले इस मामले में आदेश मांगा था।
हालांकि, आरोप गंभीर हैं और एक पार्टी के रूप में तत्काल विचार करने की आवश्यकता है। मैं इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करूंगा। वह उन्हें धनंजय मुंडे के मामले की विस्तृत जानकारी देंगे। उनके विचार जानने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच इस मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि किसी के पारिवारिक मुद्दों का राजनीतिकरण न करें, शरद पवार इस संबंध में सही निर्णय लेंगे। शिवसेना सांसद ने कहा कि इस घटना से महाविकास अआघाडी सरकार को कोई खतरा नहीं है। साथ ही उनका कहना था कि इस मामले को तूल देनने के बजाय अगर किसानों के कानूनों को वापस ले लिया जाता है, तो केंद्र सरकार की छवि उज्जवल होगी, सरकार को समन्वय दिखाना चाहिए और किसानों के हित में एक कदम वापस लेना चाहिए।