छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “छ्त्तीसगढ़ सरकार को दबाने और बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। प्रजातांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं लड़ना चाहती, बीजेपी ईडी और इनकम टैक्स का इस्तेमाल कर लोगों को धमका रही है। इसका केवल राजनीतिक उद्देश्य है और कुछ नही।”
दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि, “जुलाई 2020 में झारखंड चुनाव हारने के बाद बीजेपी ने इसकी शुरुआत की। ढाई साल से वे चुप थे, लेकिन चुनाव नजदीक आते ही फिर से एक्टिव हो गए हैं।”
सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि, “कल मेरे राजनैतिक सलाहकार विनोद वर्मा और ओएसडी के घर ईडी छापेमारी के लिए पहुच गई। इसका मतलब है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में अब बीजेपी नहीं बल्कि ईडी चुनाव लड़ेगी। ईडी वाले हमारे नेता, कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के घर घुसते है और उन्हें पांच-छह दिन बंधक बनाकर रखा जाता है, उनके फ़ोन छीन लिए जाते है। आका ने संजय मिश्रा को टास्क दिया हुआ है। अभी उनका एक्सटेंशन हुआ है आका आगे भी कुछ करेंगे।”
बघेल ने कहा कि, “विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में 200 छापे पढ़ चुके हैं और 200-250 इनकम टैक्स के अधिकारी अभी आने वाले है। ईडी जाती है तो आईटी आती है, आईटी जाती है तो ईडी आती है। बंदर के साथ मारपीट करके कहते हैं कि कबूल करो तुम कुत्ते हो। पूरे छत्तीसगढ़ में बस यही चल रहा है। लेकिन हम छत्तीसगढ़ के लोग हैं। हम मरने और जेल जाने से नहीं डरते हैं।”
भूपेश बघेल ने आगे कहा कि, “बीजेपी को तकलीफ इस बात की है कि किसानों के 107 लाख मीट्रिक टन धान की बिलिंग कैसे हो गई? अभी तक होता ये था कि फसल बाहर पड़ी-पड़ी सड़ जाती थी। वो सारे नुकसान हमने बचाए हैं, उन्हें इसी बात की परेशानी है।”
सीएम बघेल के जन्मदिन के दिन (यानी कल) उनके करीबियों के घर ईडी और आईटी ने छापेमारी के सवाल के जवाब में बघेल ने उत्तर देते हुए कहा कि, “बर्थडे के रिटर्न गिफ्ट में बीजेपी को छत्तीसगढ़ में नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव में हम 75+ सीट देंगे।”